--ISIS के साथ जुड़ रहे भारतीय युवाओं को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने उठाया कदम

-गल्फ कंट्रीज में काम कर रहे व वहां जाने की तैयारी कर रहे लोगों की जुटाई जा रही है detail

-जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी खुफिया विभाग को दी गई

VARANASI

पूरी दुनिया के लिए नया सिरदर्द बन चुके आईएसआईएस की जड़ें अब भारत में भी जमने लगी हैं। शायद तभी सेंट्रल गवर्नमेंट और आईबी ने इनको कमजोर करने और उनका पता लगाने के लिए जांच पड़ताल शुरू कर दी है। इसके लिए एक ऐसी कवायद शुरू की गई है जिससे यह पता चल सके कि गल्फ कंट्रीज में नौकरी करने वाले भारतीयों की प्रोफाइल क्या है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर हर जिले से गल्फ कंट्रीज में काम कर रहे व वहां जाने की तैयारी कर रहे लोगों की डिटेल जुटाई जा रही है। पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस में भी इस कवायद को अमलीजामा पहनाने के लिए खुफिया विभाग को लगाया गया है। और दस दिनों के अंदर रिपोर्ट रेडी कर केन्द्र को भेजनी है।

पूर्वाचल से जाते हैं ज्यादा

खासकर खाड़ी देशों में नौकरी कर रहे भारतीयों पर खुफिया विभाग ने अपनी नजरें गड़ा दी हैं। आईएसआईएस से जुड़ रहे युवाओं को रोकने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में गल्फ देशों में कार्यरत लोगों की पूरी डिटेल जुटाकर देने को कहा गया है। इसमें गल्फ जाने वाले का नाम, वो किस गांव के हैं, उनकी उम्र क्या है, विदेश में क्या करते हैं, यहां पहले क्या करते थे। पहले कोई अपराध तो नहीं किए हैं, कब-कब घर आते हैं, माली हालत कैसी है। इसकी पूरी डिटेल जुटाने के लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

आसपास के जिलों से जाते हैं ज्यादा

- बनारस पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है।

- यहां से और इससे सटे जौनपुर, आजमगढ़ व गाजीपुर से गल्फ कंट्रीज जाने वालों की संख्या ज्यादा है।

-जौनपुर के खेतासराय, शाहगंज, केराकत व जौनपुर से ज्यादा लोग गल्फ जाते हैं।

- आजमगढ़ के कई गांवों से भी गल्फ जाने वालों की संख्या अधिक है।

- कुछ दिन पूर्व एक आतंकी वारदात में जौनपुर के मडि़याहूं निवासी खालिद मुजाहिद का नाम सामने आ चुका है।

-आजमगढ़ के सरायमीर से भी कई युवा आतंकी संगठनों से जुड़ चुके हैं।

इस तरह के अलर्ट पहले भी आ चुके हैं और उनको लेकर पुलिस और खुफिया विभाग काम कर रही है। पुलिस ऐसे लोगों की जानकारी जुटा रही है जो गल्फ में नौकरी करते हैं और उनका अपने देश आना-जाना होता है।

एसके भगत, आईजी