सर्वेक्षण में जिन 500 एशियाई युवाओं से सवाल किए गए, उनमें से 18 प्रतिशत को महसूस होता है कि महिलाओं का ऐसा व्यवहार, जिससे उनके परिवार का सम्मान प्रभावित होता है, वहां शारीरिक दंड उचित है।

इस व्यवहार में शामिल है- अपने पिता की बात नहीं मानना और पहले से तय या मौजूदा विवाह संबंध को नहीं मानना। महिला संगठन 'ऑनर' यानी सम्मान के नाम पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए आवाज उठाते रहे हैं।

बीबीसी के लिए कॉमरेस ने जो सर्वेक्षण किया, उसमें ब्रिटेन में रहने वाले 16 से 34 वर्ष के एशियाई युवाओं से बात की गई। उनसे जब पूछा गया कि क्या वे इस बात से सहमत हैं कि परिवारों को 'ऑनर' के हिसाब से रहना चाहिए, तो उनमें से 69 प्रतिशत ने अपनी रजामंदी जताई। इनमें से 75 प्रतिशत पुरुष थे जबकि 63 प्रतिशत महिलाएं।

मुख्य वजह

सर्वेक्षण में शामिल युवाओं से जब पूछा गया कि क्या तथाकथित सम्मान के नाम पर होने वाली 'ऑनर-किलिंग' की घटनाएं उचित हैं, तो उनमें से केवल तीन प्रतिशत ने कहा कि ये उचित हो सकता है।

लेकिन इसी राय को जब लिंग के आधार पर अलग-अलग करके देखा गया तो छह प्रतिशत एशियाई युवाओं ने दोहराया कि 'ऑनर किलिंग' को सही कहा जा सकता है।

जबकि सर्वेक्षण में शामिल युवतियों में से केवल एक प्रतिशत ने 'ऑनर-किलिंग' को सही बताया। विशेषज्ञों का कहना है कि 'ऑनर-किलिंग' या कथित सम्मान के नाम पर होने वाले दूसरे अपराधों की मुख्य वजह जबरन शादी है।

घर से भागना

एशियाई महिलाओं की ओर से प्रचार की मुहिम संभालने वाली जसविंदर संगेरा अपने घर से तब भाग गई थीं जब उनके माता-पिता ने चौदह साल की उम्र में जबरन उनकी शादी करानी चाही। वे कहती हैं कि ब्रिटेन के एशियाई समुदाय के नेताओं को अब 'ऑनर-कोड' के बारे में बोलना चाहिए जिसे उर्दू में 'इज्जत' भी कहते हैं।

वे कहती हैं, ''धार्मिक नेता, राजनीति से जुड़े लोग और एशियाई काउंसलर इस बारे में वाकई नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं लेकिन वो ऐसा नहीं करते क्योंकि वे जानते हैं कि इससे उनकी लोकप्रियता कम हो जाती है.'' वे कहती हैं कि जो लोग इस बारे में अपना मुंह बंद कर लेते हैं, वो बेहद गैर-जिम्मेदार, नैतिक तौर पर गलत और नेत्रहीन हैं।

ईरान और कुर्द महिलाओं के अधिकारों की पैरवी करने वाले एक संगठन ने पुलिस बलों का जब सर्वेक्षण किया तो पाया कि एक वर्ष में 'ऑनर किलिंग' की 2823 घटनाएं हुईं और औसत निकाला जाए तो हर दिन ऐसी आठ घटनाएं हुईं। लेकिन ये आंकड़े इस मामले में एकदम सही तस्वीर बयां नहीं करते क्योंकि इस बारे में पुलिस से पूरी-पूरी जानकारी नहीं मिलती।

क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के नाजिर अफजल कहते हैं कि ब्रिटेन में 'ऑनर' के नाम पर हत्याओं समेत तमाम अपराधों का पता नहीं चलता है। वे कहते हैं, ''मुझे ब्रिटेन में ऑनर किलिंग के सही आंकड़े नहीं पता, यहां एक वर्ष में ऐसे मामले 10-12 के बीच हो सकते हैं। मुझे नहीं पता कि इस देश में ऐसी कितनी कब्रें हैं जिन पर किसी का नाम नहीं लिखा है.''

उनका अनुमान है कि ब्रिटेन में हर साल लगभग दस हजार विवाह जबरन कराए जाते हैं और बहु-सांस्कृतिक संवेदना इस समस्या की एक वजह हो सकती है।

वे कहते हैं, ''जबरन शादी भूकंप की तरह है और जिसके बाद घरेलू दुर्व्यवहार, यौन शोषण, बच्चों के संरक्षण से जुडे़ मुद्दे, आत्महत्या और हत्या सुनामी की तरह होते हैं.'' वे ये भी कहते हैं कि जबरन शादी से निपट लिया जाए तो इन तमाम घटनाओं को होने से रोका जा सकता है।

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