- आम बजट से मेरठ की जनता को चाहिए बहुत कुछ

- विकास की उम्मीद तो मायूसी की आशंका भी

Meerut: आम बजट में मेरठ को क्या चाहिए? हर शहरवासी की नजर बुधवार को जद्दोजहद के बाद बुधवार को लोकसभा में पेश होने वाले आम बजट पर है। नोटबंदी के बाद सर्वाधिक उम्मीद टैक्स में रियायत की है तो सस्ती शिक्षा की उम्मीद युवा लगाए बैठे हैं। देखते हैं जेटली के 'पिटारे' से मेरठ की आवाम को 'खिलौना' मिलता है कि 'झुनझुना'। इस बार आम बजट पर आम आदमी से लेकर उद्योग जगत परेशान है और हर बार से अधिक बेचैनी है। कैश क्रंच से जूझ रहे कारोबार और आवाम हो भी आम बजट से उम्मीदें हैं

किसे क्या चाहिए?

डॉक्टर :

-इंस्ट्रूमेंट्स और एक्वपमेंट में सब्सिडी मिलनी चाहिए।

-100 बेड्स से ऊपर के हॉस्पीटल्स एवं सरकारी अस्पतालों के मानकों को पूरा कर रहे हॉस्पीटल्स को सब्सिडी दी जाए।

-स्वास्थ्य क्षेत्र में बीमा योजना लागू हो।

-सरकारी चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त हो।

-दवाइयों की गुणवत्ता और उसकी उपलब्धता में हो सुधार।

-मेरठ को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया जाए।

-पर्यावरण संरक्षण के लिए कूड़ा निस्तारण योजना बने।

-सरकारी सिस्टम ध्वस्त हो तो पीपीपी मॉडल से हो चिकित्सा सेवा।

-डॉक्टर को पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए।

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वर्जन

किसी भी राजनैतिक दल के मेनोफेस्टो में हेल्थ केयर के लिए कुछ नहीं होता और न ही सरकारों का हेल्थकेयर की ओर ध्यान है। जब प्राइवेट हेल्थ केयर पर ही देश की पापुलेशनल की डिपेन्डेंसी है तो सरकार क्यों न प्राइवेट हॉस्पीटल्स को कुछ सुविधाएं और सहूलियतें मुहैया कराए। बजट से हेल्थकेयर सेक्टर को खासी उम्मीद है।

-डॉ। तनुराज सिरोही, पूर्व अध्यक्ष आईएमए

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शिक्षक :

-यूनीवर्सिटी से लेकर स्कूल तक देश के सभी बोर्ड का पाठ्यक्रम एक किया जाए।

-सीसीएसयू को सेंट्रल यूनीवर्सिटी घोषित किया जाए।

-क्लालिटेटिव एजुकेशन को प्रमोट किया जाए, वेस्ट यूपी में कम से कम एक आईआईटी और आईआईएम की स्थापना की जाए।

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उच्च शिक्षा के स्तर में लगातार आ रही गिरावट के लिए आवश्यक है कि सरकारी संस्थाओं का पुनर्गठन किया जाए। डिग्री कॉलेजेस को अत्याधुनिक किया और स्टाफ क्रंच को दूर किया जाए। बचट में एजुकेशन प्रमोशनल स्कीम लांच करने की अपेक्षा सरकार से है।

-डॉ। मनोज सिवाच, इनोनामिक्स डिपार्टमेंट, मेरठ कॉलेज

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सेलरी क्लास:

-इनकम टैक्स छूट का दायरा बढ़े और टेक होम सैलरी में इजाफा हो।

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कारोबारी :

-नोटबंदी के बाद उत्पन्न कैश क्रंच को दूर करने की योजना बजट में हो।

-मेरठ में स्पेशल इकोनॉमिक जोन बने।

-बैंक उद्योगों को आसान ऋण दें, सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ से तीन करोड़ किया जाए।

-लघु उद्योगों को 45 दिन में मिले ऋण।

-एयरपोर्ट, एक्सपोर्ट हाउस मिले, ईएसआई के तहत श्रमिकों के लिए उच्चीकृत अस्पताल मेरठ को चाहिए।

-मेरठ के ज्वैलरी कारोबार को स्पेशल इकोनॉमिक जोन में शामिल किया जाए।

-पॉलिथीन पर प्रतिबंध के बजाय, रीसाइकिलिंग प्रोसेस अपनाया जाए।

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नोटबंदी के बाद कारोबार कैश क्रंच से जूझ रहा है। स्मॉल और मिडिल क्लास कारोबार बंद हो चुका है। टैक्स में रियायत देकर सरकार दोबारा इस कारोबार को शुरू कर सकती है। बजट में मेरठ को खासी अपेक्षाएं हैं।

नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

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किसान :

-गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो।

-बकाए की वसूली जल्द से जल्द की जाए।

-किसानों के लिए बैंक में सिंगल विंडो सिस्टम लागू हो।

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टैक्स स्लैब को बढ़ा सकते हैं। स्मॉल इंडस्ट्री और मीडियम इंडस्ट्री को 3 साल तक टैक्स फ्री कर सकते हैं।

-अनुपम शर्मा, सीएम

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इनसेट

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- रेल बजट पर लोगों ने साझा की बातें

- आम बजट के साथ आज आएगा रेल बजट

मेरठ: पहले बार आम बजट के साथ रेल बजट पेश किया जाएगा। इस पर लोगों से जब बात की तो उन्होंने कहा कि बजट कभी भी पेश हो सुविधाएं मिलनी चाहिए। मेरठ हमेशा से बजट से बाहर होता है। इसके लिए भी इस बार बजट में कुछ होना चाहिए।

आम बजट के साथ रेल बजट पेश हो रहा है अच्छी बात है। सरकार का इससे खर्चा भी बचेगा। बचे हुए पैसो से कम से कम विकास कार्य तो हो सकेंगे। मेरठ को भी बजट में इस बार कुछ मिलना चाहिए।

-राकेश कुमार, कारोबारी

आम बजट या फिर रेल बजट पर मेरठ के साथ हमेशा से ही भेदभाव रहा है। शायद इस बार मेरठ को कुछ मिले। मेरठ को कुछ और रेल मिलनी चाहिए। खासकर लखनऊ और इलाहाबाद के लिए। क्योंकि संगम और नौचंदी हमेशा ही लेट रहती हैं।

-दिनेश कुमार, कारोबारी

बजट कभी भी पेश हो पर सुविधाएं मिलनी चाहिए। यदि सुविधाए न मिले तो बजट का क्या फायदा। मेरठ को भी रेलवे में सुविधाएं मिलनी चाहिए। इतना बड़ा सेंटर है मेरठ। बावजूद इसके मेरठ को कुछ नहीं मिलता है।

-अनुज शर्मा, नौकरीपेशा

अच्छा किया है कि इस बार आम बजट के साथ रेलवे का बजट सरकार पेश कर रही है। कुछ सुविधाएं मिलने की आशा है। रेलवे ने बीते कुछ साल में काफी सुविधाएं शुरू की है। रेलों की स्थिति पर कुछ काम हो तो मजा आ जाएगा।

-विकास, नौकरीपेशा

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मेरठ कॉलिंग

यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में यूजी व पीजी लेवल और अन्य कोर्सेज में सीटें बढ़ाने की आवश्यकता है। बजट में नई यूनीवर्सिटीज की घोषणा हो।

-अभिषेक मित्तल, स्टूडेंट

बेसिक लेवल से लेकर हायर एजुकेशन में फीस व अन्य खर्चों पर लगाम लगाने के लिए कुछ स्पेशल होना चाहिए।

- अमन जैन, स्टूडेंट

ऐसे गैजेट्स, जिनसे यूथ को नॉलेज मिलती हैं जैसे मोबाइल, टेबलेट व लैपटॉप आदि। उनकी रेंज कम करने की अवश्यकता है।

- अंकुर गर्ग, स्टूडेंट

बालिकाओं को एजुकेशन लोन में स्पेशल छूट देनी होगी। ताकि बालिकाएं लोन सुविधा का लाभ उठाकर हायर एजुकेशन ले सकें।

- मानसी, स्टूडेंट

घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों को कम करना चाहिए। इसके अलावा दालों, चावल व अन्य खाद्यानों के दाम कम होने चाहिए।

- मिताली शर्मा, गृहणी

कॉस्मेटिक के दामों में कमी होनी चाहिए। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ अलग होना चाहिए।

-सुनीता गर्ग, गृहणी