इलेक्ट्रिक वाहनों को कर मुक्त कर पर्यावरण संरक्षण कर सकती है सरकार

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने टैक्स दरों में रियायत की लगा रखी है उम्मीद

नोटबंदी और जीएसटी से अभी तक उबर नहीं सकी है इंडस्ट्री

ALLAHABAD: ऑटोमोबाइल सेक्टर आज भी नोटबंदी और जीएसटी से उबर नहीं सका है। क्योंकि रेट के साथ ही टैक्स में बढ़ोत्तरी से गाडि़यों की सेल 30 से 40 परसेंट डाउन हुई है। अब इस सेक्टर की नजर आम बजट पर टिकी है। इन्हें उम्मीद है कि इस बार बजट में ऑटोमोबाइल सेक्टर में जीएसटी का टैक्स स्लैब कम करने के साथ ही एक्साइज ड्यूटी से भी राहत मिल सकती है। इसकी भी उम्मीद है कि बजट में इंडस्ट्री के मॉडर्नाइजेशन और इलेक्ट्रिक ह्वीकल को बढ़ावा देने के उपाय किये जायेंगे।

जीएसटी में रिडक्शन की उम्मीद ऑटोमोबाइल सेक्टर ने आम बजट में लगा रखी है। पर्यावरण प्रदूषण की वजह से इलेक्ट्रिक ह्वीकल पर गवर्नमेंट का पूरा प्रेशर है, लेकिन सपोर्ट नहीं कर रही है। ह्वीकल पर सिगरेट और टोबैको के बराबर टैक्स है। आज किसान को बोलेरो लेनी हो तो उसे 43 प्रतिशत टैक्स देना होगा।

विंकेश गुलाटी

मानद सचिव

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन, नई दिल्ली

नोटबंदी के बाद लागू जीएसटी की वजह से गाडि़यां महंगी हो गई हैं। सरकार को कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे रेट कम हो। मारुति जैसी कंपनी कास्ट कटिंग और प्रोडक्ट क्वालिटी में समझौता नहीं कर सकती। टैक्स कम करना ही बेस्ट ऑप्शन है। 28 प्रतिशत जीएसटी बहुत ज्यादा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर को बूस्ट करने के लिए गवर्नमेंट इकोनॉमिकल प्लान बनाए।

आयुष खेत्रपाल

ग्रीनलैंड

जीएसटी के साथ ही हैवी एक्साइज ड्यूटी से ह्वीकल का रेट काफी महंगा हो गया है। एक्साइज टैक्स कम हो जाए तो गाडि़यां कुछ सस्ती हो सकती हैं। टू व्हीलर गाडि़यों पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी 28 से 18 परसेंट हो जाए तो गाडि़यों का रेट काफी कम हो जाए।

ऋषि गुलाटी

यूनाइटेड बजाज

नोटबंदी और जीएसटी की वजह से गाडि़यों की सेल 50 परसेंट डाउन हो गई है। क्योंकि कास्ट ऑफ ह्वीकल ज्यादा हो गया है। टैक्स अधिक होने से रिबेट और बेनीफिट नहीं मिल पा रहा है। ओल्ड ह्वीकल रिसेल पर भी टैक्स बढ़ा दिया गया है। सरकार ने टैक्स का बोझ इस कदर डाला है कि लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है।

अंकित गुप्ता

श्री ग्रांड होंडा एवं रिनाल्ट

बजट से क्या-क्या है उम्मीद

- इलेक्ट्रिक ह्वीकल और पेट्रोल ह्वीकल पर रजिस्ट्रेशन शुल्क बराबर है। इसमें इलेक्ट्रिक ह्वीकल पर छूट दी जाए

- डस्ट्री की ग्रोथ और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स में सुधार किया जाए

- ईको फ्रेंडली टेक्नोलॉजी जैसे कि हाइब्रिड वाहनों के लिए टैक्स दरों में रियायत दी जाए