स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशाओं को दी गई स्लाइड बनाने की ट्रेनिंग

हर मलेरिया का मरीज मिलने पर आशाओं को मिलेंगे प्रति मरीज 75 रूपये

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MEERUT : मलेरिया के छुपे हुए मरीजों को अब आशाएं ढूंढेंगी. यही नहीं आशाएं बकायदा मरीजों की स्लाइड भी तैयार करेंगी. जिला मलेरिया विभाग की ओर से आशाओं को इसके लिए बकायदा ट्रेनिंग भी प्रोवाइड करवा दी गई है. विभाग का कहना है कि जानकारी के अभाव में मरीज जांच नहीं करवाते हैं इसलिए यह योजना लागू की गई है.

 

जरा समझ लें..

80 आशाओं को स्लाइड बनाने की ट्रेनिंग दी गई है.

 

15 रूपये प्रति स्लाइड आशा को मानदेय दिया जाएगा.

 

75 रूपये आशा को मरीज में मलेरिया पॉजिटिव मिलने पर दिया जाएंगे.

 

अपने क्षेत्र के हर घर में जाकर आशा मरीजों का ब्योरा लेगी.

 

मेरठ में सभी सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पताल व एलएलआरएम कॉलेज में नि:शुल्क जांच व इलाज करवाया जाएगा.

 

50 से 150 रूपये प्राइवेट लैब में जांच के लगते हैं.

 

हर साल जून को मलेरिया माह के रूप में मनाया जाता है.


मेरठ जनपद में मलेरिया के मरीज

वर्ष--जांचे--पीवी--पीएफ-कुल

2013- 45674- -99--06-105

2014- 41991- -83- -02-85

2015- 65478- -185 -09-194

2016- 68220- -204 -07-211

2017- 41536- -90 -03-93

2018- 37484- -52- -01-53

मार्च 2019 तक- 7945- 01 -00-01

 

ऐसी होती है बीमारी

मलेरिया मादा मच्छर एनाफलीज के काटने से होता है. 3 हफ्ते तक यह मलेरिया के पैरासाइट के साथ रहते हैं. इस दौरान एक मादा मच्छर तकरीबन 10 लोगों को काटती है. 90 प्रतिशत मलेरिया के मामलों में मच्छरों का वाहक गंदगी होती है.

 

ऐसे करें बचाव

गंदगी को एकत्र न होने दें.

 

पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरदानी लगाएं.

 

मच्छरों को भगाने के लिए मच्छर नाशक चीजों का प्रयोग करें.

 

कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें.


ये हैं लक्षण

ठंड लगना, तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, रेशेज होना

 

मलेरिया को रोकने के लिए हमने फॉगिग और एंटी लार्वा स्प्रे करवाना शुरू करवा दिया है. इसके अलावा रैली और अन्य प्रोग्राम चलाकर लोगों को अवेयर किया जाएगा.

सत्यप्रकाश, डीएमओ, मेरठ


पहुंची टीम

नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम यानी एनवीबीडीसीपी के तहत सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री, दिल्ली की चार सदस्यी टीम बुधवार को मेरठ पहुंची. गाजियाबाद का दौरा शाम करीब 4 बजे पहुंची टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश के संग बैठक की. उन्होंने बताया कि टीम गुरुवार को सुबह परतापुर- काशी समेत कई ऐसी जगहों का अध्ययन करेगी जहां वेक्टर बॉर्न डिजीज के सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं.