द्वद्बह्मड्डष्द्यद्ग श्रद्घ द्वड्डह्मष्द्ध

मोहित शर्मा

आई एक्सक्लूसिव

-बिजली विभाग में 1917 करोड़ का लक्ष्य, 1130 करोड़ की वसूली

- नवंबर में नोटबंदी के दौरान टारगेट से अधिक मिला था राजस्व

- एमडीए, आरटीओ में भी डेड लाइन पर टारगेट अधूरा

Meerut। मार्च की माया भी अजब-गजब है। प्रमुख सरकारी विभागों का माहौल बिल्कुल बदला हुआ है। राजस्व वसूली में लक्ष्य का पीछा वाले अफसर हांपने लगे हैं। टेंशन बढ़ती जा रही है। ऐसे में उन्हें अलादीन का चिराग चाहिए, जो आसानी के साथ राजस्व वसूली के जादुई आंकड़े तक पहुंचा दे। वैसे नोटबंदी किसी अलादीन से कम नहीं थी, जब बिजली विभाग को टारगेट से अधिक राजस्व मिल रहा था। ऐसे में अफसरों की मनोकामना है कि कुछ दिन के लिए ही सही, एक बार फिर नोटबंदी हो जाए।

टारगेट हुए फेल

दरअसल, चालू वित्त वर्ष की समाप्ति का समय नजदीक आ चुका है। ऐसे में सभी सरकारी विभाग पूरे साल के खाते खंगालने में जुटे हैं। लेकिन खाताबही के हिसाब-किताब में जुटे विभागों के लक्ष्य न पूरा होने पर अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। नतीजा यह है कि पीवीवीएनएल, आरटीओ और एमडीए जैसे भारी राजस्व वाले विभागों के सामने लक्ष्य पूरा करने को लेकर संकट खड़ा हो गया है।

पीवीवीएनएल की टेंशन

फैक्ट एंड फीगर -

नवंबर

कुल टारगेट - 139.45 करोड़

कुल प्राप्ती - 148.72 करोड़

शहर का लक्ष्य- 75.04 करोड़

शहर प्राप्ति - 79.07 करोड़

देहात का लक्ष्य - 49.27 करोड़

देहात प्राप्ति - 50.27

नोट: ये आंकड़े नोटबंदी के दौरान के हैं।

दिसंबर

कुल टारगेट - 140.38 करोड़

कुल प्राप्ती - 90.78 करोड़

शहर का लक्ष्य- 74.62 करोड़

शहर प्राप्ति - 37.25 करोड़

देहात का लक्ष्य - 49.27 करोड़

देहात प्राप्ति - 42.31 करोड़

जनवरी

कुल टारगेट - 141.52 करोड़

कुल प्राप्ती - 51.53 करोड़

शहर का लक्ष्य- 74.65 करोड़

शहर प्राप्ति - 26.53 करोड़

देहात का लक्ष्य - 53.03 करोड़

देहात प्राप्ति - 19.47 करोड़

फरवरी

कुल टारगेट - 151.21 करोड़

कुल प्राप्ती - 42.53 करोड़

शहर प्राप्ति- 68.45 करोड़

शहर प्राप्ति -61.10 करोड़

फीगर स्पीक --

वित्त वर्ष 2017-18

-कुल लक्ष्य - 1917.02 करोड़

-शहर का लक्ष्य - 977.35 करोड़

-देहात का लक्ष्य -683.98 करोड़

-शहर प्राप्ति - 591.24 करोड़

-देहात प्राप्ति - 398.31 करोड़

-कुल प्राप्ति - 1130.92 करोड़

वित्त वर्ष 2016-17

-कुल लक्ष्य - 1505 करोड़

-कुल प्राप्ति - 1420 करोड़

बॉक्स

मेरठ विकास प्राधिकरण -

वित्त वर्ष 2016-17

-कुल लक्ष्य - 9 करोड़

-कुल प्राप्ति - 2.5 करोड़

नोट: ये आंकड़े प्रवर्तन अनुभाग से हैं।

आरटीओ भी पिछड़ा

-फरवरी माह का लक्ष्य - 11 करोड़

-कुल प्राप्ति - 9.2 करोड़

टारगेट का फार्मूला

शासन से विभागों के लिए हर माह नया टारगेट फिक्स किया जाता है। ऐसे में टारगेट पूरा न होने पर शेष रकम अगले माह के टारगेट में समायोजित कर दी जाती है। इसकी फाइनल कैलकुलेशन वित्त वर्ष के अंत में तैयार की जाती है। वित्त वर्ष के अंत में फाइनल टारगेट पूर्ण करना होता है।

अभी एक माह का समय शेष है। ऐसे में सभी खंड अधिकारियों से हर हालत में टारगेट पूरा करने को बोल दिया गया है। समय रहते टारगेट पूर्ण कर लिया जाएगा।

-विराग बंसल, चीफ इंजीनियर एमडीए

90 प्रतिशत तक टारगेट पूर्ण कर लिया गया है। शेष लक्ष्य भी जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा। अभी समय शेष बचा है।

-रंजीत सिंह, एआरटीओ प्रशासन

सभी प्रवर्तन अफसरों को समय से लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कंपाउंडिंग को लेकर सख्ती बरती जा रही है। लक्ष्य पूरा न करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

-योगेन्द्र यादव, वीसी एमडीए