-हॉस्पिटल की कमान निजी हाथों में देने की तैयारी

-प्राइवेट कंपनी करेगी हॉस्पिटल में चिकित्सकों की व्यवस्था

-मैटरनिटी विंग व जिला महिला हॉस्पिटल भी पीपीपी मॉडल पर

VARANASI

राजकीय महिला चिकित्सालय में बन रहे मैटरनिटी विंग व डीडीयू हॉस्पिटल के 50 बेड के महिला हॉस्पिटल को निजी हाथों में सौंपने के बाद अब मंडलीय हॉस्पिटल का काम काज भी प्राइवेट कंपनी के हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। सरकार चाहती है कि मंडलीय हॉस्पिटल को प्राइवेट हॉस्पिटल की तरह डेवलप किया जाए और मरीजों को हर वो फैसिलिटी मिले जो प्राइवेट हॉस्पिटल्स में मिलती है।

प्रदेश के तीन हॉस्पिटल

केन्द्र सरकार की एक योजना के तहत प्राइवेट कंपनी ने उत्तर प्रदेश के तीन हॉस्पिटल को गोद लेने की प्लानिंग की है। इसमें बनारस, गोरखपुर और इलाहाबाद के सरकारी हॉस्पिटल शामिल किए गए हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के एसएसपीजी यानी मंडलीय हॉस्पिटल का नाम इसमें शामिल है। एक उच्च अधिकारी ने बताया कि इस योजना को लेकर चर्चा हो रही है। इन हॉस्पिटल्स की कमान तो सरकार के हाथ में ही होगी, लेकिन वहां का मेंटेनेंस और चिकित्सकीय व्यवस्था प्राइवेट कंपनी करेगी।

ये हो चुके है प्राइवेट

कबीरचौरा के महिला हॉस्पिटल में बन रहे 100 बेडेड मैटरनिटी विंग को पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जा रहा है। इसे संचालित करने के लिए शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल को टेंडर दिया गया है। विंग की इमारत, व्यवस्था और मैन पावर सरकार के होंगे। सिर्फ चिकित्सक प्राइवेट हॉस्पिटल के होंगे। इसी तरह पांडेयपुर के डीडीयू हॉस्पिटल में बन रहे 50 बेडेड महिला हॉस्पिटल को भी चलाने की जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी को दे दी गई है। इसके अलावा मंडलीय हॉस्पिटल में बना डायलिसिस सेंटर भी पीपीपी मॉडल पर चल रहा है।

315

बेड का है मंडलीय हॉस्पिटल

65

हैं कुल चिकित्सक यहां

2000-2500

हजार मरीज रोजाना आते है यहां

100

बेड का पीपीपी मॉडल पर मैटरनिटी विंग बन रहा है महिला चिकित्सालय में

50

बेड का पीपीपी मॉडल पर बन रहा महिला हॉस्पिटल डीडीयू हॉस्पिटल में

डिपार्टमेंट में अभी ऐसा कोई सर्कुलर नहीं आया है, जिससे इस व्यवस्था पर कुछ कहा जा सके। प्राइवेट कम्पनी संचालन करती है तो वह हॉस्पिटल व मरीज दोनों के लिए बेहतर होगा।

डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ