-समाजसेवी की मदद से मृतका युवती के परिजन मिले एसपी क्राइम से

>BAREILLY :

इलाज का बिल न भर पाने के चलते हॉस्पिटल प्रबंधन ने मां-बाप को बेटी शव देने से इनकार कर दिया। जिससे परेशान मां-बाप शव के लिए पांच घंटे भटकते रहे, लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन नहीं पसीजा। सूचना मिलते ही समाज सेवा मंच के अध्यक्ष नदीम शम्सी, दीपक अरोरा और आशीष अरोरा के साथ एसएसपी आफिस पहुंचे। जिसके बाद एसपी क्राइम और बारादरी थाना पुलिस के हस्तक्षेप के पांच घंटे बाद शव मां-बाप काे मिल सका।

समाजसेवी बने मददगार

बानखाना के 237 निवासी प्रहलाद ने बताया कि वह पान की दुकान पर काम करता है। उसकी 17 वर्षीय बेटी महिमा सात अप्रैल को बीमार हो गई उसके पेट में तेज दर्द होने लगा तो उसे हॉस्पिटल ले गए जहां पर डॉक्टरों ने उसे एडमिट करने की बात कही। तो उन्होंने बताया कि वह बहुत गरीब है और हॉस्पिटल का अधिक खर्च नहीं कर सकते है। इसके बाद भी वह दवाई आदि में 16 हजार रुपए जमा कर चुके थे। सुबह को महिमा की मौत हो गई, तो हॉस्पिटल प्रबंधन ने 42 हजार का बिल थमा दिया। प्रहलाद ने जब पैसे न होने की बात कही तो हॉस्पिटल प्रबंधन ने शव देने से इनकार कर दिया। परेशान होकर पीडि़त समाज सेवी के साथ एसएसपी आफिस पहुंचा तब कहीं जाकर हॉस्पिटल प्रबंधन ने शव दिया।

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मरीज के परिजनों ने युवती को 7 अप्रैल को एडमिट कराया था लेकिन बिल मांगने पर टहलाते रहे। आज युवती को मौत हो गई तो बिल मांगने पर झगड़ा करने को तैयार हो गए। जिसके बाद प्रशासन के आदेश के बाद शव बगैर पैसा लिए ही परिजनों को सौंप दिया।

कमाल, हॉस्पिटल मैनेजर