मरीज की हैसियत दे2ाकर सजेस्ट किया जाता है इंप्लांट

टाइटेनियम के इंप्लांट का स्टील के इंप्लांट से कई गुना होता है दाम

ALLAHABAD: जी हां, जैसा मरीज, वैसा दाम। मेडिकल इंप्लांट के क्षेत्र में फिलहाल ऐसा ही हो रहा है। शहर के नामचीन हॉस्पिटल्स में इंप्लांट तो फटाफट लगाए या बदले जाते हैं लेकिन इसके पीछे कई तरह की गुणा गणित होती है। मरीज को दे2ाकर इंप्लांट का दाम तय किया जाता है। मध्यमवर्गीय मरीज को वही इंप्लांट थोड़ा सस्ता पड़ता है, जबकि आर्थिक रूप से मजबूत मरीजों को अधिक दाम बताए जाते हैं। रेट फि1स नहीं होने से कंपनियां और डॉ1टर्स जमकर मनमानी करते हैं।

अमेरिकन कंपनी है टॉप पर

शहर में फिलहाल एक अमेरिकन कंपनी के इंप्लांट की सबसे ज्यादा मांग है। यह कंपनी टाइटेनियम और स्टेनलेस स्टील, दोनों तरह के इंप्लांट बनाती है। शहर के तमाम बड़े हड्डी के डॉ1टर्स को यह कंपनी इंप्लांट सप्लाई करती है। सूत्र बताते हैं कि अगर किसी इंप्लांट की कीमत मार्केट में 70 हजार रुपए बताई जा रही है तो यही इंप्लांट मरीजों को आसानी से 30 हजार रुपए में 5ाी उपल4ध हो जाता है। यह मरीज की माली हालत पर निर्5ार करता है।

2ाराब नहीं हैं इंप्लांट

दे2ा जाए तो डॉ1टर्स सबसे ज्यादा टाइटेनियम के इंप्लांट को प्रिफर करते हैं। उनका कहना है कि यह जल्दी 2ाराब नहीं होते और लंबे समय तक शरीर में पड़े रह सकते हैं। जबकि स्टेनलेस स्टील के इंप्लांट गल जाते हैं या इंफे1शन कर सकते हैं। जबकि, एक डीलर ने (नाम नहीं छापने की शर्त पर) बताया कि अच्छी 1वालिटी के सस्ते इंप्लांट 5ाी लंबे समय तक चलते हैं। जरूरी नहीं कि महंगे या टाइटेनियम के इंप्लांट ही लगाए जाएं।

साल में एक बार लगता है विदेश टूर

डीलर ने बताया कि विदेशी कंपनियां डॉ1टर्स को सीधे कमीशन नहीं देती बल्कि उन्हें लंबा विदेश टूर कराने या गि3ट देने में अधिक यकीन करती हैं। कई डॉ1टर्स को साल में एक बार परिवार के साथ यूरोप टूर पर 5ोजा जाता है। इसके अलावा कई बार ट्रेनिंग के नाम पर एक से दो सप्ताह तक डॉ1टर्स विदेश में रहते हैं। यह टूर 5ाी इंप्लांट मैनुफै1चरर कंपनियां स्पांसर करती हैं। देश में गुजरात और मुंबई की कई कंपनियां 5ाी अच्छी 1वालिटी का इंप्लांट बनाती हैं, लेकिन इनको डॉ1टर्स जल्दी रिकमंड नही करते।

फै1ट फाइल

20

से 30 शहर में रोजाना होने वाली इंप्लांट सर्जरी

08

से 10 ला2ा रोजाना इंप्लांट की बिक्री

1:10

स्टेनलेस स्टील और टाइटेनियम इंप्लांट के दाम में अंतर

ये 2ाराब करते हैं केस

कुछ कंपनियां ऐसी 5ाी हैं जो विदेशी इंप्लांट की कॉपी करके हूबहू इंप्लांट तैयार करती हैं लेकिन इनकी 1वालिटी काफी घटिया होती है। यह इंप्लांट काफी सस्ते होते हैं और यह मरीज को अलग-अलग दामों पर लगाए जाते हैं। यह काम इंटीरियर में अधिक होता है। ऐसे डॉ1टर्स आए दिन केस 2ाराब करते हैं और इसका 2ामियाजा इमानदार डॉ1टर्स को 5ाी 5ाुगतना पड़ता है। बेली हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ। एपी सिंह कहते हैं अ1सर ऐसे 2ाराब केस आते हैं, जब पूर्व में लगाए गए घटिया इंप्लांट की वजह से मरीज को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। ऐसे केसेज ठीक करने में बहुत मेहनत लगती है।

सरकार को इ6पलांट के दाम फि1स कर देने चाहिए। इससे मरीजों को काफी फायदा होगा। उनको इलाज महंगा नहीं पड़ेगा। इंप्लांट के दामों की मानीटरिंग होनी चाहिए।

लल्लन सिंह पटेल, समाजसेवी

गरीब मरीजों को 5ाी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। जो लोग बाजार की मनमानी की वजह से इंप्लांट का यूज नहीं कर पाते, उनके लिए सरकार को नियम बनाने चाहिए।

डॉ। रुबी ओझा, टीचर

सरकार ने कुछ माह पहले नी रिप्लेसमेंट के इंप्लांट के दाम कम किए हैं। इसके पहले हार्ट में लगने वाले स्टेंट के दामों पर लगाम लगाई थी। उ6मीद है इंप्लांट की कमीशन2ाोरी पर जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।

शशांक शे2ार पांडेय, 5ाजपा नेता