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AGRA. प्रसूता की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को छापामार कार्रवाई की। बिना पंजीकरण मरीजों का इलाज करने पर एमएस हॉस्पिटल सील कर दिया। हॉस्पिटल संचालक पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। मोती हॉस्पिटल में आठ मरीज भर्ती मिले लेकिन इलाज के लिए कोई डॉक्टर नहीं था। इसे नोटिस दिया गया है.मंगलवार को सहारा मेडिसिटी हॉस्पिटल कमला नगर में प्रसूता की मौत हो गई थी। ऑपरेशन से प्रसव (सिजेरियन) कराने के बाद डॉक्टर चले गए। डॉक्टर के न होने से अत्यधिक रक्तस्राव से प्रसूता की मौत हो गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई और बोदला बिचपुरी रोड पर छापे मारे। यहां हॉस्पिटल में जानलेवा इलाज करते हुए झोलाछाप मिले। कोई डॉक्टर नहीं था और सघन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) में गंभीर हालत के मरीज भर्ती मिले।

बिना पंजीकरण हॉस्पिटल में झोलाछाप कर रहा इलाज
सीएमओ डॉ। मुकेश वत्स ने बताया कि एमएस हॉस्पिटल, बिचपुरी बोदला रोड का पंजीकरण नहीं है। यहां बुखार से पीडि़त मांगरौल निवासी दीपक भर्ती मिला। कोई डॉक्टर नहीं था, बोर्ड पर प्रताप सिंह नाम लिखा हुआ था। एक युवक हॉस्पिटल में था। मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट कर सील लगा दी गई है। इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

डेढ़ घंटे बाद आए डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मोती मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में छापा मारा। सीएमओ ने बताया कि हॉस्पिटल के आइसीयू में एक मरीज भर्ती था, 20 बेड के हॉस्पिटल में सात और मरीज भर्ती थे। एक मरीज के ब्लड चढ़ रहा था, हॉस्पिटल में दो ऑपरेशन थिएटर थे। इन मरीजों का इलाज करने के लिए कोई डॉक्टर नहीं था। हॉस्पिटल के स्टाफ में बीएससी कर रहे युवक मिले। हॉस्पिटल संचालक दंत रोग विशेषज्ञ डॉ। मुकेश राजपूत को फोन किया गया, डेढ़ घंटे तक कोई डॉक्टर नहीं आया। इसके बाद डॉ। आरएन शर्मा हॉस्पिटल में पहुंचे। हॉस्पिटल में गंदगी के साथ ही बोर्ड पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के नाम लिखे हुए थे। इसे नोटिस दिया गया है, संतोषजनक जवाब न मिलने पर पंजीकरण निरस्त करते हुए मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस हॉस्पिटल में दो दिन पहले मरीज की मौत हो गई थी, बाद में समझौता करा दिया गया था।