- दंगे के घायलों का उपचार न करने से आक्रोशित हुए लोग

- जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तोड़फोड़, डॉक्टर्स को पीटा

<- दंगे के घायलों का उपचार न करने से आक्रोशित हुए लोग

- जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तोड़फोड़, डॉक्टर्स को पीटा

Meerut

Meerut : गुदड़ी बाजार में हुए दंगों के घायलों को शुरुआती दौर में जिला अस्पताल में लाया गया। स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण डॉक्टर ने उनका इलाज करने से मना कर दिया और मेडिकल ले जाने को कहा। काफी कहने के बाद प्राथमिक उपचार करने के बाद मेडिकल के लिए रवाना करने कहा गया। लेकिन जब आधे घंटे तक भी एंबुलेंस नहीं आई तो लोगों का सारा गुस्सा अस्पताल और डॉक्टर पर ही उतर गया। जैसे तैसे कर लोगों को शांत कराया गया।

मेडिकल में लेकर जाओ

गुदड़ी बाजार के निवासी आमिर और काफी नाजुक स्थिति में जिला अस्पताल लाया गया। उसके हाथ में गोली लगी थी और खून बहुत बह रहा था। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर धीरज निम के पेशेंट को देखकर हाथ पांव फूल गए। उन्होंने इलाज करने से मना करते हुए तुरंत मेडिकल में भर्ती कराने को कहा। काफी हंगामा करने के बाद भी डॉक्टर ने मेडिकल लेकर जाने की बात कही। इतनी ही देर में अस्पताल में डीआईजी के सत्यनारायण भी पहुंच गए। उनके कहने पर प्राथमिक उपचार किया और एंबुलेंस में लेकर मेडिकल में पहुंचने को कहा।

की तोड़फोड़ और पिटाई

आधा घंटे तक कोई एंबुलेंस न पहुंचने पर उन्होंने डॉक्टर से यहीं प्रॉपर इलाज करने को कहा। लेकिन डॉक्टर ने साफ मना कर दिया। जिसके बाद लोगों का पारा काफी हो गया और इमरजेंसी गेट के शीशे तोड़ डाले। डॉक्टर धीरज निम, वॉर्ड ब्वाय विपिन और बृजपाल, स्वीपर कालू और जोगिंदर के साथ मार पिटाई की। जब एंबुलेंस आई तो मामला कुछ शांत हुआ। आमिर के अलावा जिला अस्पताल में करार नाम के घायल को लाया गया था। उसे भी मेडिकल में भर्ती कराया गया है। जहां उसे वेंटिलेटर पर रखने की सूचना मिली।

मरीजों में खौफ

डॉक्टर को पीटने और गुदड़ी बाजार में दंगा भड़कने की सूचना पाकर जिला अस्पताल में भर्ती मरीज भी खौफजदा हो गए। उन्हें देखने आए रिश्तेदारों ने माहौल ज्यादा खराब होने से हॉस्पिटल से निकलना बेहतर समझा। ताज्जुब की बात तो ये रही कि इतना सब कुछ होने के बाद भी करीब दो घंटे के बाद भी पुलिस के पहुंचने की कोई सूचना नहीं मिली थी।