एबीवीपी ने डीएम को दिया ज्ञापन, कई अहम मुद्दे उठाकर संज्ञान लेने की गुहार लगाई

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हास्टल वॉशआउट को लेकर बवाल के बाद एक-एक करके कई गंभीर सवाल सामने रहे हैं। इसमें सबसे प्रमुख सवाल है कि आखिर हास्टल को लेकर पहले से प्लानिंग क्यों नहीं की गई? जबकि वर्ष 2017 में भी ऐसे ही बवाल को झेलने का अनुभव विवि प्रशासन के अधिकारियों के पास है। क्या विवि प्रशासन 15 दिनो के लिए हास्टल खाली करवाकर रेनोवेशन का काम पूरा करवा सकता था। जुलाई से नए शैक्षिक सत्र की शुरूआत होनी है। यह सवाल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को एडीएम सिटी रजनीश राय से मुलाकात में उठाई। उन्हें डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन भी दिया गया।

केवल चूना पोतकर चले गए

एडीएम से बातचीत में छात्रों ने कहा कि विवि प्रशासन के पास हास्टल को लेकर पहले से कोई प्लान नहीं होता। लास्ट ईयर अप्रैल माह में हास्टल खाली कराने की घोषणा की गई थी। उस समय विवि प्रशासन ने तर्क दिया था कि जुलाई में विवि खुलने से पहले हास्टल के रेनोवेशन का काम होगा। लेकिन तब देखने में आया कि पर्याप्त समय मिलने के बाद भी हॉस्टल्स में भारी भरकम बजट खपाने के नाम पर केवल चूना पोतने का काम किया गया। विवि प्रशासन ने उस समय 10 जुलाई तक सभी को हास्टल मुहैया करवा देने की घोषणा की थी। लेकिन फीस पूरी वसूली गई और एलाटमेंट का काम पूरे साल चलता रहा।

अराजकता की वजह भ्रष्टाचार

राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन में कहा गया है कि कुलपति ने पूर्व के अनुभवों के बावजूद बिना प्लानिंग के हास्टल वॉशआउट का निर्णय ऐसे समय लिया, जब कई परीक्षाएं सिर पर हैं। यह भी नहीं सोचा कि भीषण गर्मी में हजारों छात्र कहां कमरा तलाशने जाएंगे? छात्रों ने बताया कि विवि में अराजकता की वजह भ्रष्टाचार है। ज्ञापन देने वालों में एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री रोहित मिश्रा, पूर्व उपाध्यक्ष छात्रसंघ विक्रांत सिंह, आनंद सिंह निक्कु, पूर्व अध्यक्ष दिनेश सिंह यादव, चन्द्रजीत यादव आदि शामिल रहे।

विवि प्रशासन पासआउट छात्रों को चिन्हित कर कमरा खाली करवा ले। जो छात्र पढ़ रहे हैं। उनसे इतनी गर्मी में कमरा क्यों खाली करवाया जा रहा है? बवाल के लिए विवि प्रशासन की रणनीति जिम्मेदार है।

कोमलाक्ष नारायण गिरि, जिलाध्यक्ष एनएसयूआई

मैने राज्यपाल से मुलाकात कर प्रकरण से अवगत कराया है। उन्होंने घटनाक्रम से राष्ट्रपति को अवगत कराने की बात कही है। कांग्रेस पार्टी मामले को संसद में जोरदार ढंग से उठाएगी।

प्रमोद तिवारी, पूर्व संसद सदस्य राज्यसभा