हर साल की तरह 2011 भी हमारे लिए कॉन्ट्रास्ट और सरप्राइजेस भरा रहा. यहां हम दे रहे हैं कुछ ऐसी मूवीज जिनके बारे में हमें लगता है कि उन्हें इससे अच्छा रिस्पांस मिल सकता था और वो फिल्में भी जिन्हें ज्यादा जरूरत से हाईप मिली.
I am Kalam
चाइल्ड एक्टर हर्ष मायर की बेहतरीन परफॉर्मेंस के बल पर फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला. मगर इस खूबसूरत फिल्म को उतना रिस्पॉन्स नहीं मिला कि और लोग भी इस तरह की फिल्में बनाने की हिम्मत कर सकें.
Sahib, Biwi Aur Gangster
इस फिल्म को तारीफ मिली लेकिन तिगमांशु धूलिया की ये फिल्म वाकई इससे कहींज्यादा डिजर्व करती थी.
Shor In The City
कुछ क्रिटिक्स की मानें तो इसे साल की सबसे अच्छी फिल्म कह सकते हैं. बेहतरीन फिल्म होने के बावजूद शोर इन द सिटी बॉक्स ऑफिस पर इतना शोर नहीं कर सकी.
Sahi Dhandhe Galat Bande
परवीन डबस की इस डेब्यू फिल्म का एग्जिक्यूशन काफी डीसेंट है और फिल्म एकदम सही ट्रैक पर है. इसे जितना एनकरेजमेंट मिला उससे ज्यादा की ये हकदार थी.
Stanley Ka Dabba and Chillar Party
फिल्म इंडस्ट्री में जहां बच्चों की फिल्में बहुत ही कम बनती हैं इन दो फिल्म ने हमारे दिल जीत लिए. मगर अनफॉच्र्युनेटली ये अच्छा बिजनेस नहीं कर पाईं. बेहतर होता कि बाकी फिल्ममेकर्स भी इस तरह की फिल्में बनाने के लिए इंस्पायर होते.
Kashmakash
इस फिल्म में रितुपर्णो घोष की फिल्मों वाली सेंसिटिविटी और रबींद्रनाथ टैगोर की कहानी और कविताओं का एसेंस दिखा. फिल्म में सेन सिस्टर्स का परफॉर्मेंस भी गजब रहा. इस फिल्म को भी एक चांस मिलना चाहिए था.
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