21500 लोग ही कर रहे वाटर टैक्स का भुगतान

15 जुलाई से लागू हो जाएगी यह व्यवस्था

35 लाख तकरीबन आबादी है मेरठ शहर की

अब एक ही बिल में आएगा हाउस टैक्स और वाटर टैक्स

Meerut। नगर निगम ने लोगों की सुविधा के लिए टैक्स संबंधी व्यवस्थाओं को ऑनलाइन किया है। इसके तहत निगम के सभी टैक्स ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन जमा होंगे। साथ ही अब निगम अपने वाटर टैक्स कलेक्शन की संख्या बढ़ाने के लिए हाउस टैक्स और वाटर टैक्स का बिल साथ ही भेजा करेगा। अपर नगरायुक्त अली हसन कर्नी ने बताया कि मुख्यालय के आदेश पर सभी प्रकार के करों को एक ही बिल में जोड़कर भेजा जाएगा। इस बिल को उपभोक्ता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से जमा करा सकता है।

लागू होगी व्यवस्था

गत दिनों प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार द्वारा जारी हुए शासनादेश में हाउस टैक्स और वाटर टैक्स को एक ही साथ देने का आदेश जारी किया गया था। इस आदेश के तहत नगर निगम और जलकल विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। यह भी आदेश दिया गया है कि जो वाटर टैक्स, हाउस टैक्स या सीवर टैक्स नहीं देगा, उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। 15 जुलाई से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।

मात्र 21500 लोग दे रहे टैक्स

निगम के आंकड़ों के अनुसार करीब 35 लाख की आबादी में से मात्र 21500 लोग ही निगम को वाटर टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। इसके तहत गत वित्तीय वर्ष में करीब सवा पांच करोड़ रूपये का टैक्स चार्ज जमा हुआ था। जबकि हाउस टैक्स करीब 57 हजार लोगों द्वारा दिया जा रहा है। इसके तहत करीब 22 करोड़ की वसूली की गई है। वहीं सीवर टैक्स के मामले में निगम अभी काफी पीछे है। निगम को सीवर टैक्स से करीब 47 लाख रूपये की आय पिछले वित्तीय वर्ष में हुई थी। इस बार निगम का टारगेट करीब 100 करोड़ की वसूली का है, इसलिए निगम टैक्स जमा करने के लिए ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन की सुविधा भी लोगों के लिए शुरू कर रहा है।

शहर में 30 से 40 फीसदी भवन

नगर निगम प्रशासन हाउस टैक्स के खेल और 5 लाख भवनों के बीच उलझी गुत्थी को स्थाई रूप से सुलझाने की तैयारी कर रहा है। शहर में 30 से 40 फीसदी भवन अभी भी हाउस टैक्स से छूटे हैं। नये भवनों पर हाउस टैक्स निर्धारण, हाउस टैक्स में परिवर्तन, नाम परिवर्तन आदि को लेकर जनता से खूब वसूली की जाती है। अब इसे बंद करने की तैयारी है। निगम प्रशासन पूरे शहर के भवनों का सर्वे करके इनकी आइडी तैयार करेगा। भवन के गेट पर क्यूआर कोड चस्पा किया जाएगा, जिसे स्मार्ट फोन से स्कैन करते ही हाउस टैक्स का पूरा डेटा सामने होगा।