आगरा। एडीए अधिकारियों की हीलाहवाली दो लोगों की मौत का कारण बन गई। थाना सदर के शहीद नगर, पक्की सराय में शनिवार सुबह एडीए द्वारा निर्माण कराया गया दो मंजिला मकान धराशायी हो गया। मलबे में दबकर मां-बेटी की मौत हो गई, जबकि पिता और बेटे की हॉस्पिटल में गंभीर बनी हुई है। घटना के लिए क्षेत्र में जलभराव की समस्या को जिम्मेदार ठहराया गया। लोगों का कहना था कि नाले के पानी की निकासी नहीं होने के संबंध में कई बार एडीए अधिकारियों को बताया गया, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। इससे बुनियाद खोखली हो गई, जिससे मकान ढह गया।

पिछले दो सालों से रह रहे थे

थाना सदर के शहीद नगर, पक्की सराय निवासी बारिश अली उर्फ छोटे पुत्र महमूद फर्नीचर बनाने का काम करता है। वह यहां पर एडीए के क्वार्टर में पत्नी रिहाना (33), बेटे कामिल (12) एवं बेटी हाशमी(8) के साथ रहता है। रमजान का पाक महीना चल रहा है। रिहाना ने रोजे रखे थे। वह रोज पांच वक्त की नमाज अता करती थी। परिवार पिछले दो सालों से इस क्वार्टर में रह रहा था।

लोगों का लगा भूकंप

शनिवार सुबह पौने छह बजे पत्नी नमाज अता कर कलमा पढ़ रही थी। दोनों बच्चे बेड पर सो रहे थे। तभी अचानक तेज धमाके की आवाज के साथ मकान की छत छज्जे सहित नीचे आ गई। आसपास के मकान हिल गए। लोगों का लगा कि भूकंप आ गया। लोग घरों से बाहर निकले तो धूल का बड़ा गुबार उठता दिखा। मकान ढहते देख क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। लोग मलबे में दबे परिवार को निकालने का प्रयास करने लगे। मलबे से छोटे की चीखने की आवाज आ रही थी। पूरा परिवार छत के नीचे दबा था। लोगों को समझा नहीं आ रहा था कि वह किस तरह परिवार को मलबे से बाहर निकालें। तभी लोगों को छत से दब चुके मलबे में अंदर जाने का रास्ता दिखा।

मां-बेटी ने तोड़ दिया दम

क्षेत्र के अकील, छोटू, अफसार, नईम, मुसर्रर पत्‍‌नी शाहिद, गुड्डन पत्‍‌नी इसरार, मुसर्रर पत्‍‌नी चानू ने परिवार को बचाने के लिए मोर्चा संभाल लिया। थाना सदर व ताजगंज का पुलिस फोर्स पहुंच गया। क्षेत्रीय लोगों की मदद से पुलिस ने किसी तरह पिता-पुत्र को जीवित बाहर निकाला, जबकि मां-बेटी की मौत हो चुकी थी।

खोखली हो गई बुनियाद

क्षेत्रीय लोगों के अनुसार जमींदोज मकान के आसपास और भी दो मंजिला क्वार्टर बने हुए हैं। जिनका निर्माण 30 साल पहले एडीए ने कराया था। इनमें करीब 48 परिवार रहते हैं। मकानों के पीछे बने नाले की कभी भी सफाई नहीं होती। साथ ही एक मकान नाले के अंत में बना हुआ है। गंदे पानी की निकासी नहीं होने से क्षेत्र में जलभराव रहता है। इससे मकानों की बुनियाद खोखली हो गई हैं।

एडीए को लेकर लोगों में आक्रोश

क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि इस संबंध में एडीए में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय रहते एडीए यहां जलभराव की समस्या का समाधान कर देता तो शायद इस दर्दनाक घटना को रोका जा सकता था। एडीए अधिकारियों को लेकर लोगों में आक्र ोश था। उनका कहना था कि हर पल वह दहशत में गुजार रहे हैं। इस घटना के बाद तो उन्हें अपने घर में अंदर जाने में भी डर लग रहा है। पता नहीं कब मकान गिर जाये। पुलिस ने मां-बेटी के शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। हॉस्पिटल में पिता बारिश उर्फ छोटे व बेटे कामिल की हालत गंभीर बनी हुई है। एडीए अधिकारियों से जब क्षेत्रीय लोगों द्वारा शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया। उन्होंने जलभराव के संबंध में शिकायत मिलने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि अगर वहां समस्या है, तो समाधान करा दिया जाएगा।