RANCHI: 2020 में ही झारखंड के शहरों में रह रहे गरीब परिवारों का अपना आशियाना होगा। यानी हर शहरी गरीब के सिर पर छत होगा। ऐसा कहना है झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का। वह बुधवार को राज्य सचिवालय प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में नगर विकास व आवास विभाग द्वारा पीएमएवाई( शहरी ) पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 14 वषरें से विकास की गति धीमी होने के कारण हम पिछड़ गए हैं और इस गैप को भरने के लिए यह जरूरी है कि तेजी से इस क्षेत्र में काम किया जाए। डीपीआर बनाने से लेकर टेंडर तक के समय को भी कम किया जाए। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि आवास योजना में किसी तरह के बिचौलिया का खेल ना चले। पूरी पारदर्शी तरीके से काम हो ताकि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ हर जरूरतमंद को मिले। मौके पर नगर विकास व आवास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि अधिकारी ऐसे महत्वपूर्ण कायरें को फाइलों में ना उलझाएं और शहरों में पहले ऐसे आवासों का निर्माण करें बाद में लोगों से रजिस्ट्रेशन कराएं।

वर्टिकल 1 व 4 में तेजी लाएं

विभागीय सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य 2022 तक हर शहरी गरीब को घर देना है पर हमारी सरकार की कोशिश है कि इसे 2020 तक पूरा किया जाए। पहली प्राथमिकता उन परिवारों को घर देनी है जिनकी आमदनी सालाना तीन लाख से कम है। उन्होंने कहा कि पीएमएवाई के तहत कुल 4 वर्टिकल में 1,58,000 आवास की स्वीकृति मिल चुकी है, जिसमें वर्टिकल 4 में प्रगति अच्छी है। उन्होंने कहा कि वर्टिकल 1 और 3 में हमें तेजी से कार्य करने की जरूरत है और इसके लिए सरकार ने काफी सरल और सुगम नीति बनाई है।

243 एकड़ में होगा निर्माण

राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना स्लम पुनरविकास के तहत राज्य भर में 24 परियोजना स्थल का चयन किया गया है। इसके अंतर्गत 243 एकड़ जमीन में 3943.8 करोड़ रुपए की लागत से 52584 आवासों का निर्माण किया जाएगा।