-ट्रांसवरुणा एरिया में चेम्बर तैयार पर सीवर कनेक्शन देने में बरत रहे लापरवाही

-कनेक्शन न देने से खुले चेम्बर हादसों का बन रहे हैं कारण

>

VARANASI

ट्रांसवरुणा एरिया में अमृत योजना के तहत हाउसहोल्ड सीवर कनेक्शन देने में यूपी जलनिगम (गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई) की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। यहां एक साल से ज्यादा समय में अब तक महज 40 फीसदी कनेक्शन ही दिए गए हैं। तमाम मोहल्लों में सीवर चेम्बर बनाकर छोड़ दिए गए हैं, लेकिन कनेक्शन नहीं किया गया। कनेक्शन न मिलने से पब्लिक दिक्कत झेल रही है। साथ ही खुले चेम्बर हादसों का कारण भी बन रहे हैं। ऐसे में इस एरिया में फिलहाल प्रॉपर जलनिकासी की व्यवस्था हो पाने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

विभाग का रोना, धन का टोटा

ट्रांस वरुणा एरिया में पिछले एक साल से अधिक समय से सीवर लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है, टोटल 106 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाया जाना है लेकिन अब तक सिर्फ 64 किलोमीटर ही बिछ सकी है। जिन जगहों पर सीवर लाइन डाली जा चुकी है। उस एरिया में भी कनेक्शन का टारगेट नहीं पूरा किया जा सका है। विभाग ने धन न होने का बहाना बनाया, लेकिन री डिमांड भेजे जाने पर शासन ने पिछले महीने 47 करोड़ रुपये दिए। इसके बावजूद जलनिगम ने कनेक्शन देने का काम अब तक शुरू नहीं कराया। पांडेयपुर के रामनारायण, दीपक सिंह, हुकुलगंज के राजेश सोनकर, सत्यम यादव आदि ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

छह माह में पूरा होने में संशय

हाउस होल्ड कनेक्शन देने के लिए छह महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में 60 फीसदी कनेक्शन देने का काम पूरा होने में संशय ही दिख रहा है, लेकिन कार्यदायी संस्था के अफसर निर्धारित समय में काम पूरा करा लिये जाने का दावा जरूर कर रहे हैं। हालांकि इनकी व्यवहारिक दिक्कतें भी हैं। मसलन, सीवर कनेक्शन देने में घरों की दूरी बाधक बन रही है। यूपी जलनिगम की ओर से काम में बदलाव करते हुए अब छह इंच की जगह 12 इंच की पाइप बिछाई जा रही है।

एक नजर

162

करोड़ है प्रोजेक्ट की लागत

50,260

नि:शुल्क कनेक्शन दिए जाएंगे

20,840

कनेक्शन दिए गए हैं अब तक

106

किलोमीटर बिछेगी सीवर लाइन

31

दिसम्बर तक पूरा होना है काम

शासन से दूसरी बार धन लेट मिला। जिसकी वजह से काम धीमा हो गया। सीवर कनेक्शन दिया जा रहा है। अब शेष सीवर लाइन बिछाने का काम तेज होगा।

एसके राय, जीएम, जलनिगम (गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई)