-शहर के गली, मुहल्लों में घूम रहे छुट्टा पशुओं से लोगों को जल्द मिलेगा छुटकारा

-चितईपुर में 5 बीघे की जमीन पर बन रहा है नया काजी हाउस, जहां 500 पशुओं को रखने की होगी व्यवस्था

-दुधारू पशुओं के दुध को बेचकर जुटाएंगे धन

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शहर के गली, मुहल्लों में घूम रहे छुट्टा पशुओं से लोगों को जल्द छुटकारा मिल जाएगा। प्रशासन ने इन पशुओं को सरकारी काजी हाउस में रखने की प्लानिंग की है। नगर निगम ने खुद की जमीन पर काजी हाउस बनाने का काम भी शुरू करा दिया है। चितईपुर में करीब 5 बीघे की जमीन पर बन रहे नए काजी हाउस में 500 पशुओं को रखने की व्यवस्था होगी। अधिकारियों के मुताबिक नया काजी हाउस फरवरी तक बनकर तैयार हो जाएगा। जिसके बाद शहर भर में घूम रहे गाय, भैंस, व सांड़ जैसे छुट्टा पशुओं को लाकर इस हाउस में रखने के साथ ही इनके खाने-पीने की व्यवस्था भी की जाएगी।

कमाई कराएंगे पशु

अब तक स्थापित दो काजी हाउस के रख रखाव में जहां सरकारी खजाने का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं इस नये काजी हाउस के खर्चे पकड़े गए पशुओं से वसूले गए पैसों से किये जाएंगे। दरअसल निगम ने वहां इन पशुओं के गोबर से जैविक खाद बनाने का प्लान तैयार किया है। पशुओं के गोबर से बनने वाले इस खाद को खेती के लिए बेचा जाएगा। वहीं दुधारू पशुओं के दुध को भी बेचकर राजस्व इकट्ठा करने की योजना बनाई गई है। इन सब से होने वाले आय को काजी हाउस के मेंटीनेंस पर खर्च किया जाएगा।

गंदगी से मिलेगा छुटकारा

नए काजी हाउस से जहां लोगों को छुट्टा पशुओं से निजात मिलेगी। वहीं शहर में जगह जगह फैले गोबर और गंदगी से भी छुटकारा मिल जाएगा। यही नहीं बीच सड़क पर जगह घेरकर बैठने वाले सांड़ व गाय के न रहने से यातायात व्यवस्था भी थोड़ी स्मूद होने के साथ पशुओं की वजह से होने वाले एक्सिडेंट में भी कमी आएगी।

क्यों पड़ी जरूरत

शहर में नगर निगम की ओर से दो काजी हाउस पहले से चल रहे हैं। लेकिन इनमें पशुओं को रखने की उतनी व्यवस्था नहीं है, जितनी होनी चाहिए। बता दें कि अलईपुर में बने काजी हाउस में सिर्फ 50 पशुओं के रखने की व्यवस्था है। जबकि दूसरे काजी हाउस की क्षमता 86 पशुओं की है।

वर्जन

चितईपुर में काजी हाउस का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह फरवरी तक बनकर तैयार हो जाएगा। इससे शहर की सड़कों और गलियों में घूम रहे पशुओं से लोगों को निजात मिलेगी ही साथ ही शहर में गोबर से भी छुटकारा मिलेगा।

डॉ। असलम अंसारी,

चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्सालय नगर निगम