- सभी कर अधीक्षकों को पांच लाख पर डे की वसूली का दिया टारगेट

- एक हजार नए मकानों को भी पर डे लेना है टैक्स के दायरे में

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

टैक्स वसूली को लेकर लगातार पिछड़ने की वजह से अब नगर आयुक्त ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। नगर आयुक्त ने सभी कर अधीक्षकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। अभी तक जो कर अधीक्षक सिर्फ ऑफिस में बैठकर ही काम किया करते थे। उन्हें अब शहर की जमीन पर भी उतरना पड़ेगा। इसके लिए नगर आयुक्त ने सभी कर अधीक्षकों पर धार रखी है। दरअसल ट्यूजडे को हुई टैक्स की समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त ने सभी टैक्स अधीक्षकों को आदेश दिए कि वह अपने-अपने जोन से हर दिन पांच लाख रुपए टैक्स की वसूली करके लाएं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कर अधीक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।

एक हजार पर डे कनेक्शन की जिम्मेदारी

नगर आयुक्त ने समीक्षा बैठक में टैक्स इंस्पेक्टर, टैक्स कलेक्टर और टैक्स अधीक्षकों को यह भी आदेश दिया कि उन्हें पर डे एक हजार ऐसे मकानों को टारगेट करना है, जो अभी तक टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे मकानों को टारगेट करके उन पर तत्काल टैक्स भी लगाएं, जिससे नगर निगम की टैक्स वसूली बढ़ सके।

20 लाख रुपए रोजाना होगी वसूली

शहर में चार जोन हैं। जिसमें नगर निगम के चार कर अधीक्षक तैनात हैं। जोन एक में ज्ञान चंद्र, जोन दो के आरपी सिंह, जोन तीन में विजय और जोन चार की कर अधीक्षक शैली गुप्ता हैं। नगर आयुक्त ने चारों कर अधीक्षकों से कहा है कि उन्हें पांच-पांच लाख रुपए पर डे की वसूली करके लानी है। इस तरह से नगर निगम को पर डे की कुल 20 लाख रुपए की वसूली होगी।

वाटर कनेक्शन लेने पर जोर

समीक्षा बैठक में यह भी तय हुआ कि शहर में ऐसे जितने भी लोग है। जिनका वाटर कनेक्शन नहीं हैं उन्हें तत्काल वाटर कनेक्शन लेने के लिए कहा जाए। यदि वह वाटर कनेक्शन लेने को तैयार नही हैं तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।

बड़े बकाएदारों की खैर नहीं

शहर में अभी भी करीब 70 ऐसे बकाएदार हैं जिन पर एक लाख से ऊपर का टैक्स बकाया है। इन 70 में से कई बकाएदार ऐसे भी हैं जिन पर 5 लाख से ऊपर भी टैक्स है। नगर आयुक्त ने साफ कहा है कि ऐसे लोगों से तत्काल टैक्स वसूली की जाए। यदि वह टैक्स जमा नहीं करते हैं तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में अब बड़े बकाएदारों की भी खैर नहीं है।