- सनाउल्ला को गिरफ्तार तो कर लिया, जेल में कितने दिन रहेगा

- इस केस में सनाउल्ला को पहले ही क्लीन चिट दे चुकी है पुलिस

- सुबूतों के अभाव में सनाउल्ला कुछ ही दिन में छूट आ जाएगा

- पहले भी कई केस में पुलिस कर चुकी है खेल, छूटे हैं आरोपी

- पुलिस की कमजोर तफ्तीश और लीपापोती करती है केस कमजोर

Meerut: सनाउल्ला की मेहमनादारी पुलिस ने अच्छी खासी निभाई। उसको पहले ही क्लीन चिट दे दी। ऐसे ही बहुत सारे सनाउल्ला को यही मेरठ पुलिस इसी तरह क्लीन चिट दे चुकी है। इसको पुलिस की निरंकुश कार्रवाई कहें या फिर उसकी आरोपियों के खिलाफ शालीनता का भाव। सनाउल्ला जैसे लोग कुछ दिन जेल में मेहमान की तरह रखे जाते हैं और फिर वे कुछ ही दिन में बाहर आ जाते हैं। ऐसे ही कुछ केसेज पर हम रोशनी डाल रहे हैं। जिनमें आरोपियों को कुछ दिन बाद ही जमानत मिल गई।

सनाउल्ला की मेहमान नवाजी

पुलिस के इस केस में पटाक्षेप से साफ नजर आ रहा है कि सनाउल्ला की मेहमान नवाजी किस तरह हो रही है। सनाउल्ला को पहले ही क्लीन चिट दे दी गई। अब पुलिस केवल उसकी मेहमान नवाजी कर रही है। पुलिस कोर्ट बनकर अपने बयानों में उसको निर्दोष करार दे चुकी है। ऐसे में एक सवाल खड़ा होता है आखिर सनाउल्ला कितने दिन जेल में रहेगा। साथ ही उस पर लगी धाराओं को भी पुलिस वापस ले लेगी। ऐसे ना जाने कितने सनाउल्ला जेल में हैं, जिनको कुछ दिन बाद बेल मिल जाएगी है। ऐसे कुछ केसों पर नजर डालते हैं।

नेहा मर्डर केस

गाजियबाद की रहने वाली नेहा उर्फ शना की बॉडी क्8 अप्रैल ख्0क्ब् को बच्चा पार्क के निकट जिमखाना के पास पड़ी मिली थी। जिसको गोली मारी गई थी। जब केस ओपन हुआ तो उसमें भी प्रेमी द्वारा पहले रेप और फिर उसके कत्ल करने की बात सामने आई। नेहा की लव मैरिज हुई थी और उसके बाद वह अपने पति से अलग हो गई थी। इसके बाद उसकी मुलाकात मेरठ के रहने वाले वसीम से हुई थी। इसके बाद वसीम ने पहले नेहा के साथ सबकुछ किया और फिर उसको रास्ते से हटा दिया। वसीम के साथ उसके साथी आसिफ, सुहेब, उमर और प्रदीप लंगड़ा भी थे। इसके साथ ही सोतीगंज का एक और नामी नाम सामने भी आया था। जिसको पुलिस ने क्लीन चिट दे दी।

हाईप्रोफाइल रेप केस

शास्त्री नगर में ख्ख् जुलाई ख्0क्फ् को एक हाईप्रोफाइल रेप केस सामने आया था। जिसमें ग्यारहवीं की एक छात्रा के साथ गैंग रेप हुआ था। इसमें एक बसपा छात्र नेता अमित भड़ाना व उसके साथी शोभित गुर्जर, आजाद सिंह गुर्जर और गौरव भड़ाना का नाम सामने आया था। इस मामले ने पूरे मेरठ शहर को हिलाकर रख दिया था। जिसके पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया और फिर जेल भेज दिया। पुलिस की तफ्तीश कमजोर रही और मामला फिर आरोपियों के पाले में पहुंच गया। जिसमें लगभग सभी आरोपियों को जमानत मिल गई। पीडि़ता ने अपना शहर तक छोड़ दिया।

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सवाल - पुलिस ने सनाउल्ला पर पहले जो धाराएं लगाई थीं अब वे खत्म होने जा रही हैं। क्योंकि पुलिस ने पहले ही सनाउल्ला को इस पूरे केस से क्लीन चिट दे दी। अब देखना है कि कितने दिन तक सनाउल्ला जेल में रहेगा।

फ्म्फ्आईपीसी - जो कोई विधिपूर्ण संरक्षता में किसी व्यक्ति का व्यपहरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

फ्म्म्आईपीसी - जो कोई किसी स्त्री का व्यपहरण या अपहरण उसकी इच्छा के विरुद्ध किसी व्यक्ति से विवाह करने के लिए, उस स्त्री को विवश करने के आशय से या वह विवश की जाएगी, यह संभाव्य जानते हुए या अयुक्त संभोग करने के लिए उस स्त्री को विवश करने या विलुब्ध करने के लिए किया जाए तो दोनों में से किसी भी भांति के आजीवन कारावास या फिर दस साल तक कारावास हो सकेगी, दंडित किया जाएगा। साथ ही जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

फ्7म्(घ)आईपीसी - जो कोई किसी अस्पताल प्रबंध में होते हुए या किसी अस्पताल के कर्मचारी से मिलकर अपनी शासकीय स्थिति का लाख उठाकर और किसी स्त्री के साथ, जो उस अस्पताल में है, ऐसा मैथुन करेगा जो बालात्संग की कोटि में नहीं आता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि पांच साल तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा। (अस्पताल का अर्थ यहां किसी संस्थान या स्थान से है.)

ख्9भ्(क)आईपीसी - जो कोई किसी उपासना स्थान को या व्यक्तियों के किसी वर्ग द्वारा पवित्र मानी गई किसी वस्तु को नष्ट, नुकसानग्रस्त या अपवित्र, इस आशय से करेगा कि किसी वर्ग के धर्म का उसके द्वारा अपमान किया जाए या संभाव्य जानते हुए करेगा कि व्यक्तियों का कोई वर्ग ऐसे नाश, नुकसान या अपवित्र किए जाने को वह अपने धर्म के प्रति अपमान समझेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास जिसकी अवधि दो साल तक की हो सकेगी या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।

ब्ख्0आईपीसी - जो कोई छल करेगा और उस व्यक्ति को जिसे प्रवंचित किया गया है, बेईमानी से उत्प्रेरित करेगा कि वह कोई संपत्ति किसी व्यक्ति को परिदत्त कर दें, या किसी भी मूल्यवान प्रतिभूति को या किसी भी मूल्यवान प्रतिभूति को या किसी चीज को जो हस्ताक्षरित या मुद्रांकित है और जो मूल्यवान प्रतिभूति में संपरिवर्तित किए जाने योग्य है, पूर्णत: या अंशत: रच दें, परिवर्तित कर दें या नष्ट कर दें, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि सात साल तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा, या जुर्माने से दंडनीय होगी।

ब्म्7आईपीसी - जो कोई किसी दस्तावेज की जिसका कोई मूल्यवान प्रतिभूति या विल या पुत्र के दत्तकग्रहण का प्राधिकार होना तात्पर्यित हो या जिसका किसी मूल्यवान प्रतिभूति की रचना या दस्तावेज की कूट रचना करेगा, वह आजीवन कारावास जिसकी अवधि दस साल तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय किया जाएगा।

ब्7क्आईपीसी - जो कोई किसी ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को जिसके बारे में वह यह जानता या विश्वास करने का कारण रखता हो कि वह कूटरचित है, कपटपूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग में लाएगा, वह उसी प्रकार दंडित किया जाएगा, मानो उसने ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की कूटरचना की हो।

फ्ब्ख्आईपीसी - जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दंडित किया जाएगा।

फ्भ्ब्आईपीसी - जो कोई किसी स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से या यह संभाव्य जानते हुए कि तद्द्वारा वह उसकी लज्जा भंग करेगा, उस स्त्री पर हमला करेगा या आपराधिक बल का प्रयोग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।