-घर हो या फिर दुकान, सब हैं परेशान

-महिलाओं पर बढ़ गया घर की सफाई का बोझ

ALLAHABAD: कुंभ मेला-2019 में आने वाले लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों के लिए शहर को सजाया-संवारा जा रहा है। इसके लिए चारों तरफ खूब काम हो रहा है। कहीं सड़कें खोद दी गई हैं तो कहीं गलियों में सीवर पाइप लाइन डाली जा रही है। इस डेवलपमेंट वर्क का साइड इफेक्ट भी पब्लिक को खूब झेलना पड़ रहा है। आलम यह है कि जिन इलाकों में डेवलपमेंट वर्क हो रहा है, वहां साफ-सफाई में पूरा दिन निकल जा रहा है। इसके बावजूद दो घंटे बाद हालात जस के तस। दुकानदार भी परेशान हैं। सुबह-शाम सफाई के बाद भी दुकान में सामान पर धूल की परत जमी रहती है।

बढ़ रही एलर्जी और सांस की बीमारी

इस लगातार उठते धूल के गुबार ने स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। पुरुषों के साथ-साथ घरों में रहने वाली महिलाएं भी एलर्जी और सांस फूलने की बीमारी की चपेट में आने लगी हैं। इसके चलते लोगों को हेल्थ रिलेटेड तमाम तरह की प्रॉब्लम्स होने लगी हैं।

पूरा शहर है धूल व गंदगी से परेशान

हवा में बढ़ रहे धूल व गंदगी से एक-दो एरिया नहीं बल्कि पूरा शहर परेशान है। कहीं सीवर लाइन बिछाने, कहीं केबिल बिछाने, कहीं ओवरब्रिज निर्माण तो कहीं सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा है। इसके चलते अलग-अलग जगहों पर सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया है।

वर्जन-

कुछ साल पहले तक स्थिति ये थी कि सुबह के समय झाड़ू लगाने के बाद अगले दिन ही सफाई होती थी। लेकिन अब प्रदूषण व धूल गंदगी इस कदर बढ़ती जा रही है कि दिन में दो बार सफाई के बाद भी घर गंदा ही दिखाई देता है।

-नीलम अग्रवाल

लूकरगंज

एक के बाद एक हो रहे काम की वजह से धूल उड़ता रहता है। कभी सीवर के लिए, कभी नाला के लिए तो कभी किसी और काम के लिए हो रही खोदाई से पूरे इलाके की ऐसी तैसी हो गई है। इससे सड़क पर ही नहीं बल्कि घर में भी हम प्रदूषण के शिकार हैं।

-रंजना गोयल

लूकरगंज

झाड़ू लगाने के थोड़ी देर बाद ही जमीन पर और कमरे में धूल की मोटी परत दिखाई देने लगती है। गंदगी में बैठा भी नहीं जाता और गंदगी साफ किए बिना रहा भी नहीं जाता है। शहर में हो रहे काम का खामियाजा घर की महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है।

-कोमल लालवानी

झूलेलाल नगर

घर की सफाई करते समय अब सांस फूलने लगती है। धूल इतनी ज्यादा उड़ती है कि नाक पर रुमाल बांधने की नौबत आ जाती है। गंदगी और धूल ने तो जीना ही दुश्वार कर रखा है।

-कामिनी

जानसेनगंज

महिलाओं ने ये दिए सुझाव

-डेवलपमेंट वर्क कराया जाए, लेकिन धूल व गंदगी लोगों के घर न पहुंचे, इसको ध्यान में रखते हुए पानी का छिड़काव कराया जाए।

-दिन की जगह रात में कराया जाए काम तो हर किसी को मिले आराम।

-सीवर के लिए या फिर ओवरब्रिज निर्माण के लिए जहां खोदी जा रही है सड़क वहां दिन में तीन से चार बार हो पानी का छिड़काव।

-दिन में वाहनों के आवागमन के कारण उड़ती है सबसे अधिक धूल।