इनको हुई परेशानी

पिछले दिनों एक एडवोकेट ने पेट्रोल में पानी की मिलावट की शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि बाइक में पेट्रोल भरवाने के बाद वह दिक्कत करने लगी। मैकेनिक ने बताया कि टंकी में पेट्रोल की जगह पानी भरा हुआ है। इसके बाद एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स ने फिलिंग स्टेशन की जांच भी की थी। इसके अलावा खुल्दाबाद के रहने वाले संदीप सिंह ने भी सिविल लाइंस के एक फिलिंग स्टेशन पर जाकर इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई। उनका कहना था कि यहां मिलने वाले पेट्रोल में पानी मिला हुआ है। ऐसी अन्य कई शिकायतें भी हैं जो समय-समय पर सामने आती रहती हैं।

ज्यादा हो जाती है एथेनॉल की मात्रा?

गवर्नमेंट के निर्देश के मुताबिक प्रजेंट में पेट्रोल में पांच से दस परसेंट एथेनॉल की मात्रा मिलाई जा रही है। जबकि कुछ साल पहले तक यह परसेंटेज कम था। फिलिंग स्टेशन ओनर्स भी इस बात को मानते हैं। कई बार देखने में आता है कि एथेनॉल की मात्रा अधिक हो जाने से भी यह सिचुएशन सामने आ जाती है। अधिक मात्रा में एथेनॉल मिलाए जाने के आरोप के जवाब में ओनर्स कहते हैं कि निर्धारित मात्रा से अधिक एथेनॉल मिलाए जाने का सवाल ही नहीं उठता।

एथेनॉल क्यों बदल जाता है पानी में

जानकारी के मुताबिक एथेनॉल की मिलावट पेट्रोल की बचत के लिए की जाती है। इसकी बर्निंग प्रॉपर्टी भी पेट्रोल की ही तरह हाई होती है। बट, अंतर इतना है कि यह माइस्चर के संपर्क में आते ही पानी में बदल जाता है। अक्सर बारिश में या खुले आसमान के नीचे ओस की वजह से भी यह सिचुएशन पैदा हो जाती है। फिलिंग स्टेशन के ओनर कहते हैं कि कभी स्कूटी या कार में ऐसी शिकायत क्यों नहीं आती, केवल बाइक में ही क्यों। टंकी का ढक्कन ऊपर होने की वजह से उसमें माइस्चर कहीं न कहीं से चला जाता है।

यह भी हो सकते हैं reason

सिटी में कुछ फिलिंग स्टेशंस नए बने हैं तो कुछ कई साल पुराने हैं। सोर्सेज बताते हैं कि पुरानी टंकियों में माइस्चर या लीकेज की वजह से पेट्रोल में पानी मिक्स होने लगता है। इसकी जानकारी ओनर्स को नहीं हो पाती और बाद में कस्टमर्स शिकायत करने लगते हैं। बाइक मैकेनिक दिलावर बताते हैं कि पेट्रोल में पानी मिला होने से व्हीकल का इंजन डैमेज हो सकता है। इसे ठीक कराने में काफी पैसा खर्च होता है।

गवर्नमेंट के निर्देश पर ही पेट्रोल में एथेनॉल की निर्धारित मात्रा ऑयल कंपनियां मिलाती हैं। फिलिंग स्टेशन अपनी ओर से किसी तरह की मिलावट नहीं करते। लोगों की लापरवाही से माइस्चर के चलते एथेनॉल पानी में कन्वर्ट हो जाता है। डिपो से आने वाले टैंकरों की जांच के बाद ही पेट्रोल फिलिंग स्टेशन की टंकियों में भरा जाता है।

-आशीष कपूर, वाइस प्रेसीडेंट, पेट्रोल डीलर वेलफेयर एसोसिएशन

शिकायतों को देखते हुए जल्द ही फिलिंग स्टेशंस की जांच का अभियान चलाया जाएगा। जांच के दौरान कंपनी प्रतिनिधि का मौजूद रहना जरूरी होता है इसलिए इस संबंध में एडीएम की ओर से सभी ऑयल कंपनियों को लेटर भेजा जा रहा है।

नीलेश उत्पल, एआरओ