मौजूदा हालात में बदलाव जरूरी

अपनी स्थिति के लिए भाग्य को कोसते रहने से अच्छा है कि मौजूदा हालात में बदलाव किए जाएं. यदि आप वर्तमान स्थिति से संतुष्ट हो जाएंगे तो आपका विकास रुक जाएगा. डेवलपमेंट की रेस में आप पीछे रह जाएंगे. इसलिए अपने विकास के बारे में सोचें और संभावनाओं की तलाश में लग जाएं. बदलाव के दौरान यह ध्यान रखें कि काम आपकी रुचि का हो ताकी आप उसे पूरी लगन के साथ कर सकें और उसमें बेहतर परफार्म करें. जब भी उचित मौका हाथ आए तुरंत नई चुनौती स्वीकार करें और काम में लग जाएं.

सफलता की कुंजी कर्म

कई बार लोगों को जान-पहचान से भी मौका हाथ लग जाता है. यह कोई बुराई नहीं है बल्कि यह भ्ाी एक उपलब्धि है क्योंकि यह सबके बस की बात नहीं कि रिलेशन बना लें जो उन्हें ब्रेक दिलवा सके. मौका मिलने के बाद दारोमदार एक बार फिर आप पर होता है. यदि आपने लगन और पूरी निष्ठा से काम नहीं किया तो रिजल्ट फिर पहले से भी खराब हो सकता है. इसलिए आपको अब पॉजिटिव सोच के साथ सिर्फ काम पर फोकस करना होता है. यदि आप ऐसा कर ले गए तो मौजूदा हालात सुधरने लगते हैं. उसकी वजह भी होती है क्योंकि जो आपको मौका देता है उसे भी ऊपर बताना होता है कि जिसे उसने सिलेक्ट किया है वह मेहनती और संस्थान के अमुक काम के लिए परफेक्ट रिसोर्स है.

निरंतरता भी जरूरी

बदलाव के बाद लगन के साथ काम कर लेने का मतलब नहीं कि आपने जग जीत लिया और अपने बुरे दिनों से मुक्ति पा ली. भाग्य बोले तो मौजूदा हालात में बदलाव के साथ स्थिरता तभी आती है जब आप निरंतरता के साथ अपने काम को अंजाम देते रहें. उदाहरण के लिए आपको मौका मिला तो आपने लगन के साथ काम करके अपने को साबित किया लेकिन कुछ दिन बाद या महीनों बाद आप लापरवाही बरतने लगें तो मामला उल्टा हो जाता है. जो बॉस आपके काम से खुश था और अगले एप्रेजल में आपको अच्छा इंक्रीमेंट देने की सोच रखा था वही आपको बाहर का रास्ता दिखाने की कोशिश में लग जाएगा. यानी बदलाव, काम और निरंतरता से आप अपने भाग्य को बदल सकते हैं.