LUCKNOW: हार्ट अटैक होने पर देर किए बगैर मरीज के सीने को जोर जोर से दबाएं और जितनी जल्दी हो सके उसे अस्पताल पहुंचाएं। इससे पूरे शरीर में रक्त संचार बना रहेगा और मरीज की जान बचाने में आसानी होगी। आजकल बड़ी संख्या में लोग हार्ट की बीमारी से जूझ रहे हैं ऐसे में जरूरी है कि लोगों को हार्ट अटैक के लक्षण और प्राथमिक उपचार की जानकारी हो। यह जानकारी शुक्रवार को बलरामपुर अस्पताल में आयोजित सेमिनार में पीजीआई के सीवीटीएस विभाग के एचओडी प्रो। निर्मल गुप्ता ने दी।

 

एक घंटे का समय बहुमूल्य

डॉ। निर्मल गुप्ता ने बताया कि हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक व पैरालाइसिस अटैक पड़ने पर मरीज के लिए एक घंटे का समय बहुत बहुमूल्य होता है। ऐसे में यदि मरीज को तुरंत इलाज के लिए अस्तपाल पहुंचा दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि शरीर के किसी अंग में कमजोरी, ताकत की कमी महसूस हो, आवाज में बदलाव हो या चेहरा टेढ़ा होने लगे तो एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाए और इलाज शुरू किया जाए।

 

दवा खाएं टीवी खत्म होगी

प्रोग्राम में डॉ। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि टीबी की बीमारी जड़ से खत्म हो सकती है। लेकिन इसके लिए मरीज को लगातार दवाएं खानी होंगी। इससे शत प्रतिशत बीमारी ठीक होगी। ज्यादातर मरीज बीच में इलाज छोड़ते हैं जिसके कारण बीमारी दूसरे चरण में पहुंच जाती है।