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परिषदीय स्कूलों में बच्चों को यूनिफार्म बांटना बना टफ टास्क

शासन से निर्धारित दर से अधिक है मार्केट में स्कूल ड्रेस की कीमत

prakashmani.tripathi@inext.co.in

ALLAHABAD: ड्रेस का कलर चेंज कर दिया गया। तय कर दिया गया कि हर बच्चे की नाप स्कूल में ली जाएगी और दर्जी से सिलवाकर कपड़े बांटे जाएंगे। यह आदेश का सच है। इस सच को हकीकत का जामा पहनाने में आने वाली अड़चनो को जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बुधवार को इंवेस्टिेगेशन किया तो पता चला कि सरकार ने जितना रेट पूरी ड्रेस के लिए निर्धारित है उससे ज्यादा तो सिर्फ सिलाई है।

200 रुपए से अधिक है कपड़े कर रेट

सरकार का आदेश है कि जुलाई में स्कूल खूलने के बाद कम से कम 15 फीसदी बच्चे ड्रेस में ही स्कूल में आएं। इससे टीचर्स परेशान हैं। वह बीएसए से लेकर मुख्यमंत्री तक को अपनी बात रख चुके हैं लेकिन इस पर कोई रिस्पांस सामने नहीं आया है। शिक्षकों की तरफ से दर्ज कराई गई आपत्ति की बुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने हकीकत परखने के लिए मार्केट में चेक किया। कम से कम मूल्य के कपड़े और उसकी सिलाई के रेट की पड़ताल की। रिपोर्टर कई दुकान पर कपड़ों का रेट लेने पहुंचा। थोक से लेकर फुटकर विक्रेताओं से रेट लिया। चौकघंटा घर स्थित शगुन कलेक्शन के अकरम से सबसे सस्ते पैंट व शर्ट के कपड़े की डिमांड की। वह एक भी ऐसा कपड़ा नहीं दिखा सके जिसमें पैंट और शर्ट का कपड़ा 200 रुपए के अंदर मिल जाए। उन्होंने बताया कि जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र 12 से 14 वर्ष के बीच की है। 14 वर्ष के बच्चे के स्कूल यूनिफार्म के लिए आवश्यक पैंट के कपड़ा कम से कम 1.10 मीटर लगेगा। 140 रुपए की दर से कपड़े की कीमत 154 रुपए हो गई। वहीं शर्ट के लिए 1.80 मीटर कपड़ा यूज होगा। इसकी कम से कम कीमत 58 रुपए है। इस हिसाब से शर्ट के कपड़े की कीमत 104 रुपए होगी। पैंट व शर्ट के कपड़े को मिलाकर 258 रुपए कपड़े की कीमत होगी।

अगर 12 वर्ष के बच्चों के लिए कपड़े की बात करें तो एक बच्चे की शर्ट में एक मीटर पैंट के कपड़े की जरूरत होगी। जिसकी कीमत 140 रुपए लगेगी। शर्ट के लिए 1.50 मीटर कपड़ा चाहिए। उसकी कीमत 58 रुपए के हिसाब से 87 रुपए आएगी। दोनों को मिलाकर 227 रुपए खर्च आएगा। इससे सस्ता कपड़ा मिलना मुश्किल है। मिल जाएगा तो टिकाऊ नहीं होगा। इससे सस्ता कपड़ा पाने का दूसरा जरिए कंपनियों से डायरेक्ट सप्लाई मंगवाना हो सकता है। रिपोर्टर ने दूसरे कई दुकानों पर जाकर कम से कम रेट के कपड़े की डिमांड की। अधिकतर जगह कपड़ों का रेट इसी प्रकार रहा। रिपोर्टर ने ग‌र्ल्स के लिए यूनीफार्म के लिए स्कर्ट के कपड़ों की बात की तो दुकानदारों ने बताया कि बच्चों के स्कर्ट में कुल 80 सेटीमीटर कपड़ा यूज होता है। जिसकी कीमत कम से कम 150 रुपए आएगी।

निर्धारित दर से अधिक सिर्फ सिलाई

रिपोर्टर यूनिफार्म की सिलाई के बारे में पता लगाने निकला तो कई एरिया के टेलर्स से सम्पर्क किया। ज्यादातर टेलर्स ने यूनिफार्म के लिए पैंट व शर्ट की सिलाई के लिए अलग-अलग रेट बताए। कोई भी रेट 200 रुपए से कम के नहीं था। शर्ट की सिलाई कम से कम 200 रुपए व पैंट की सिलाई 250 रुपए है। रिपोर्टर ने गली कूचे में स्थित एक दुकान पर काफी जिरह की तो दुकानदार ने शर्ट के लिए 140 रुपए और पैंट के लिए 180 रुपए रेट निर्धारित किया। वह भी उस स्थिति में जब बड़ी संख्या में कपड़ों की सिलाई कराने की बात की गई।

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2,63,300 जिले में परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या

76600 उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या

200 रुपए निर्धारित हैं हर बच्चे की ड्रेस बनवाने के लिए

14 वर्ष के उम्र के बच्चों के लिए पैंट 1.10 मीटर व शर्ट के लिए 1.80 मीटर कपड़े की जरूरत

12 वर्ष के उम्र के बच्चों के लिए पैंट के लिए 1 मीटर व शर्ट के लिए 1.50 मीटर कपड़े की आवश्यकता पड़ेगी

ग‌र्ल्स के लिए स्कर्ट के लिए कम से कम 80 सेंटीमीटर कपड़े की आवश्यकता होगी

100 रुपए प्रति मीटर है सबसे सस्ते कपड़े की कीमत

350 रुपए है एक पैंट-शर्ट की सिलाई की कीमत

-बच्चों के यूनिफार्म के लिए निर्धारित दर को बढ़ाने के लिए प्राथमिक शिक्षक संघ व जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक संघ की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है। अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। ऐसे में बच्चों के लिए निर्धारित दर पर यूनिफार्म उपलब्ध कराना बेहद कठिन है।

देवेन्द्र श्रीवास्तव

जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ