-अस्सी घाट पर आयोजित कार्यक्रम में HRD मिनिस्टर स्मृति जुबिन ईरानी ने संस्कृत में दिया भाषण

-कहा, आने वाला समय संस्कृत के लिए होगा बेहतर

VARANASI: संस्कृत को कठिन बताने वालों ने भ्रम फैलाया है। यह देववाणी है। आने वाला समय संस्कृत के लिए बेहतर होने वाला है। यह बातें शनिवार को सेंट्रल एचआरडी मिनिस्टर स्मृति जुबिन ईरानी ने अस्सी घाट पर संस्कृत भारती की ओर से आयोजित 'संस्कृत गंगा' कार्यक्रम में कहीं। खास यह रहा कि उन्होंने संस्कृत भाषा में अपना भाषण दिया। संस्कृत में उनके संबोधन को सुनकर लोग अचंभित रह गये। करीब पांच मिनट तक संस्कृत में बोलने के बाद उन्होंने हिन्दी में अपना भाषण दिया। पुणे स्थित डॉ। डीवाई पाटिल विद्यापीठ के वीसी डॉ। पीडी पाटिल ने कहा कि संस्कृत देश की संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान व आधुनिकता की पहचान कराने वाली भाषा है। इस अवसर पर प्रो। हृदयरंजन शर्मा, प्रो। गोपबंधु मिश्र, डॉ। ब्रह्मानंद चतुर्वेदी आदि की सक्रिय भूमिका रही।

बेटी बचाने का दिया संदेश

नेशनल मेडिकोज एसोसिएशन की ओर से बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में बतौर चीफ गेस्ट उन्होंने बेटी बचाने का संदेश दिया। कहा कि डॉक्टर्स पीएम नरेन्द्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस अवसर पर संगठन की स्मारिका का विमोचन किया गया। अध्यक्षता बीएचयू वीसी प्रो। गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने, स्वागत प्रो। एमके सिंह व डॉ। आरएन चौरसिया ने किया। संचालन मेधा टंडन व नितेश त्रिवेदी व धन्यवाद ज्ञापन डॉ। विश्वंभर ने किया। डॉ। मोनिका गुप्ता, डॉ। बिमो सिंह, डॉ। एसपी शर्मा, डॉ। प्रकाश कुर्मी, प्रो। दिलीप सरकार आदि ने अपने रिसर्च पेपर पढ़े।