अनजान कॉल से बचे बच्चे

चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर संडे दोपहर एक अनजान कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि वह जिस अनुबंधित बस पर सवार है, उसमें ११ बच्चे हैं और उन्हें पोरबंदर ले जाया जा रहा है। चाइल्ड लाइन ने बच्चों को बचाने के लिए पुलिस से मदद मांगी और कैंट पुलिस के साथ ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने मोहद्दीपुर चौराहे पर घेराबंदी कर बस को रोक लिया और उसमें सवार ११ बच्चों को बरामद कर लिया।

गुजरात ले जाए जा रहे थे बच्चे

पुलिस टीम ने बिहार के गोपालगंज के मुसाफिर और उसके बेटे संतोष और चंदन को हिरासत में लिया है। तीनों ११ नाबालिग बच्चों को बस से गोरखपुर लेकर आ रहे थे और यहां से उन्हें ट्रेन से गुजरात लेकर जाने का प्लान था। तीनों ने बताया कि गुजरात के जीतपुर राजकोट में बच्चों को लेकर जा रहे थे। बच्चों को साड़ी कारखाने में साड़ी लपेटने के हल्के काम में रखा जाता है। उसके बदल उन्हें दो हजार से पच्चीस सौ रुपए वेतन दिया जाता है। बरामद बच्चों में कई बच्चे पहले भी वहां काम करने जा चुके है।

परिवार को एक हजार एडवांस दिया था

बच्चों ने बताया कि गुजरात ले जाने से पहले मुसाफिर ने सभी के परिवार को एक-एक हजार रुपए एडवांस के तौर पर दिए थे। गरीबी के चलते कमाने के लिए परिवार ने उन्हें भेजा था। पुलिस अब उनके परिवार से संपर्क कर रही है।

ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाले गैंग को पकड़ गया है। उनके पास से ११ नाबालिग बच्चों को बरामद किया गया। पकड़े गए तीनों अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही और बरामद बच्चों को परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।

- भावनाथ चौधरी, एसओ कैंट