>RANCHI: महज ख्0 दिनों में ही स्कूल में पढ़ने वाली क्भ् साल की बच्ची की जिंदगी नरक से भी बदतर हो गई। वो बार-बार पीटती रही, लेकिन मारने वालों के हाथ नहीं थके। हैवानियत की हर वो हदें पार की गई, जिसके सामने इंसानियत भी शर्मसार हो जाए। वह मासूम खुद जज नहीं कर पा रही थी कि उसे चाहने वाले ने ही इस आग में क्यों धकेल दिया। ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार रजनी (बदला हुआ नाम)आज खूंटी के शेल्टर होम में सुरक्षित है। हालांकि, अपने कटु अनुभव के बाद इस पीड़ा से वो अब तक उबर नही पाई है। एक नहीं, उसे दो-दो बार लाख रुपए में बेचा गया। ख्0 दिन में काले पानी की सजा की तरह उसने हर वो कुछ झेला, जिसे सुनकर ही हर किसी के रौंगटे खड़े हो जाएं। दर्द और खौफ के साथ खुद रजनी टूटी ने कई मर्तबा रोते हुए आई नेक्स्ट के साथ शेयर की अपने पल-पल मरने की कहानी

सलवार सूट खरीद कर देने का दिया लालच

मुरहू में भाड़े के मकान में मां, पिता, तीन भाई और भाभी का मेरा खुशहाल परिवार था। पांच जनवरी को मैं अपनी बुआ के घर चली गई। वहां रहने वाली मलिनता देवी को कुछ दिनों से जानने लगी थी। वह मुझे बहुत प्यार करती थी। बुआ के घर पहुंच कर मैंने अपने मोबाइल से उन्हें फोन किया। मलिनता ने मुझे घूमने के लिए एक जगह पर बुलाया और कहा कि वो मुझे बहुत खूबसूरत सलवार सूट खरीद कर देना चाहती है। मैं घबरा गई, क्योंकि गांव की दूसरी लड़कियों को मलिनता ने कभी तोहफा नहीं दिया, फिर मुझे क्यों? यह सोच कर मैं मना करने लगी। लेकिन, जब मैं उससे मिली, तो उसने मुझसे कहा कि मैं जितने की सलवार सूट पसंद करूंगी वो उसे खरीद देगी। वह रांची की दुकान का नाम ली और वहां चलने की जिद्द करने लगी। इसके बाद मैं घर में बिना किसी को बताए मलिनता के साथ निकल गई। वो मुझे हटिया स्टेशन लेकर आ गई, जहां से वो रांची आने की बात बोली थी। वहां दो लड़कियां और थीं। हम सब ट्रेन में बैठीं और रांची आ गई। यहां मलिनता ने कहा कि कुछ और लोग आ रहे हैं, हम सब साथ चलेंगी। जब मलिनता मुझे ट्रेन से उतरने नहीं दी, तब भी मैं घर वापस जाने की जिद्द करती रही। उसने कहा कि चलो तुम सबको महाराष्ट्र घूमा कर लाती हूं।

ट्रेन में जब नींद खुली, तो मैं दिल्ली स्टेशन पर थी

ट्रेन चलती रही और ना जाने कौन-कौन सी जगह आती रही। मैं दिन-रात ट्रेन में एक तरफ बैठी रही। सभी खाने को बोलते, तब भी मैं नहीं खाती। घर पर मां के पास जाने का दिल कर रहा था। डर भी लग रहा था। इसलिए पूरे रास्ते मैंने किसी से बात भी नहीं की। ठीक से याद नहीं, लेकिन जब नींद खुली तो मैं दिल्ली स्टेशन पर थी। मैंने दिल्ली लिखा पढ़ा और फिर सवाल किया, लेकिन मलिनता ने कुछ नहीं बताया। बाद में एक बड़ी सी गाड़ी आई, जिसमें हम सबको बैठा दिया गया और हम करनाल पहुंच गए।

मैं गिड़गिड़ाती रही और उसने जब जो मन में आया किया

करनाल में एक कमरे में हमें बंद कर दिया गया। मलिनता और परवेज प्रवीण नामक एक व्यक्ति ने मुझे लाख रुपए में पहले कुरूक्षेत्र में एक अधेड़ व्यक्ति को बेचा। उस आदमी के यहां मैं दो दिन तक गाय का गोबर उठाती रही। वो आदमी घर के जूठे बर्तन भी धुलवाता और डांटता-पिटता भी। अचानक दो दिन बाद 7 जनवरी को एक गांव के बहुत सारे लोगों के सामने मुझे ले जाया गया। यहां गांव के कई अधेड़ उम्र के लोग मौजूद थे। सबने मुझे घेर लिया। फिर वो भ्0 साल का बूढा आदमी मेरे सामने आकर मेरी मांग में सिंदूर डालने लगा। मैं मुंह फेर कर रोने लगी। जोर-जोर से चिल्लाने लगी। इस पर बूढे को गुस्सा आ गया। फिर गांव के कई लोगों ने मिलकर मेरे दोनों हाथ और चेहरे को जोर से पकड़ लिया। इसके बाद बूढे आदमी ने जबरन मुझे सिंदूर लगा दिया। फिर मुझे दूसरी जगह पर ले जाया गया। वो बूढा आदमी नशे में धुत होकर बार-बार मेरे कमरे में आता। मेरे साथ एक बार नहीं, बल्कि हर दिन और रात कई बार बलात्कार किया गया। मैं गिड़गिड़ाती रही, रोती रही। बूढे आदमी ने मुझे बड़ी ही बेरहमी से हर जगह पिटा और असहनीय कष्ट दिए। उसे जब जो मन आए वो करता। ना खाने को मिलता, ना कमरे के बाहर झांकने को। दिन भर बार-बार मुझसे जानवरों की तरह बर्ताव किया जाता। कमरे में कई बार गांव के दूसरे लोग आ जाते और मैं बेबस सी पड़ी रहती। दर्द ऐसी की उठना-बैठना भी मुश्किल। वहां असहनीय दर्द और सिर्फ आंसू का साथ था। जब पुलिस के साथ मां को वहां देखी, तो लगा जिंदगी दुबारा मिल गई। मां को पकड़ी और जोर-जोर से रोने लगी। भगवान मुझे या और दूसरी लड़कियों को उस नरक में कभी ना भेजें।

नरक से कैसे निकली रजनी

आपको बता दें कि खूंटी की मलिनता देवी ने म् जनवरी को जम्मूतवी एक्सप्रेस से तीन लड़कियों को करनाल, हरियाणा ले जाकर बेच दिया। दीया सेवा संस्थान ने मुरहू में ख्0 जनवरी को मिसिंग चिल्ड्रेन हेल्पलाइन अभियान चलाया। वहां रजनी की मां ने प्रोग्राम ऑफिसर बैद्यनाथ कुमार को अपनी बेटी के भ् जनवरी से गुमशुदा होने की जानकारी दी। ख्ख् जनवरी को तीन लड़कियों को हरियाणा में बेचनेवाली मुरहू की मलिनता देवी उर्फ महिमा देवी के खिलाफ खूंटी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई। इसके बाद ख्ब् जनवरी को खूंटी थाना प्रभारी अराधना सिंह ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिर मलिनता के जरिए दी गई जानकारी के बाद पंजाब के संगरूर जिले में झारखंड पुलिस के साथ पंजाब पुलिस और दिल्ली बेस्ड एनजीओ शक्ति वाहिनी ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया। इसके बाद पुलिस ने ट्रैफिकर सुरिंदर कुमार को हिरासत में ले लिया। सुरिंदर से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने हरियाणा और पंजाब की सीमा पर स्थित रणबीर सिंह के घर में छापामारी की तो वहां से रजनी बरामद हुई। इसके बाद उसे ख्भ् जनवरी को रेस्क्यू कर लिया गया।