- पुलिस लाइन में बाल संरक्षण पर वर्कशॉप का समापन

DEHRADUN: बाल संरक्षण को लेकर पुलिस लाइन में वर्कशॉप के दौरान एडीजी प्रशासन ने कहा कि बाल अपराधों के लिए अलग से कानून बनाया जाना चाहिए। तीन दिन से जारी वर्कशॉप का वेडनेसडे को समापन हुआ। इस दौरान बाल संरक्षण को लेकर मंथन किया गया।

कानून की जानकारी अहम

एडीजी प्रशासन राम सिंह मीणा ने कहा कि वर्तमान में हो रहे बाल अपराधों में तीन अपराध समाज को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। जिसमें ड्रग्स, हथियारों की तस्करी और अनैतिक मानव तस्करी शामिल हैं। अनैतिक मानव तस्करी में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इस तरह के अपराधों में केवल अभियोग पंजीकृत करना ही काफी नहीं है, इसमें मुख्य है संबंधित अपराधी को सजा दिलाना और पीडि़त को राहत पहुंचाना। इसके लिए कानून की बुनियादी जानकारी बेहद जरूरी है। एडीजी ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला गढ़वाल और कुमाऊं परिक्षेत्र के सभी जिलों में आयोजित कराई जाएगी, वहीं एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों और महिलाओं से संबंधित अपराधों और उनके लिए बनाए गए कानूनी प्रावधानों के संबंध में सभी प्रतिभागियों को बुनियादी और व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराना था। कार्यशाला में लाल बहादुर शास्त्री अकादमी की डिप्टी डायरेक्टर अलंकृता सिंह और एफएक्सबी इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर सत्यप्रकाश ने पुलिसकर्मियों की कानून की विस्तार से जानकारी दी।