-इंसूलेटर में ह्यूमिडिटी आने से हो रहे टेक्निकल फाल्ट

-फ्यूज उड़ते ही शहर को लग जाता है बिजली का झटका

 

Meerut: रमजान खत्म होते ही बिजली ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इस बार बिजली संकट का कारण ह्यमूमिडिटी बनी है। मानसून के बाद मौसम में बढ़ी ह्यूमिडिटी के कारण बिजली उपकरणों में पानी आ जाने से बिजली टेक्निकल फाल्ट की चपेट में आ गई है। हालांकि टेक्निकल फाल्ट के चलते पैदा हुए बिजली के संकट को काबू में करने के लिए जहां विभाग ने एड़ी चोटी के जोर लगा दिए हैं, लेकिन सारे प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं।

 

क्या है मामला

ओवरलोडिंग की समस्या से निजात पाने के लिए बिजली विभाग जहां मानसून का बेसब्री से इंतजार कर रहा था, वहीं इसके विपरीत मानसून की आमद ने विभाग के माथे पर चिंताएं की लकीरें बढ़ा दी हैं। दरअसल, झमाझम बारिश के दौरान बिजली की लाइनों के आई खराबी तो आम बात है, लेकिन मानसून के कारण पैदा हुई ह्यूमिडिटी की समस्या विभाग के लिए सर दर्द बन गई है। ह्यूमिडिटी की वजह से पिछले दस दिनों में टेक्निकल फॉल्ट की संख्या तीन गुणा बढ़ गई है।

 

टेक्निकल फॉल्ट

विभागीय अफसरों की मानें तो मानसून की दिनों में मौसम में ह्यूमिडिटी की मात्रा काफी बढ़ जाती है, जो बिजली के उपकरणों को डिस्टर्ब कर देती है। दरअसल, बिजली की एलटी लाइन में एक इंसूलेटर लगा होता है। ह्यूमिडिटी के कारण इस इंसूलेटर में नमी आ जाती है। नमी से चलती लाइन में फॉल्ट हो जाता है लाइन से जुड़े इलाकों में बत्ती गुल हो जाती है। हालांकि फौरी तौर पर फॉल्ट को ठीक कर लिया जाता है, लेकिन ऑन गोइंग प्रक्रिया के चलते ह्यूमिडिटी लाइन में लगातार फॉल्ट कराती रहती है।

 

ह्यूमिडिटी के कारण इंसूलेटर में नमी आ जाने से लाइन ट्रिप हो जाती है। मानसून के मौसम में यह समस्या अक्सर देखने के मिलती है। टेक्निकल फॉल्ट को ट्रेस कर सही करा लिया जाता है।

पीके निगम, एसई अर्बन बिजली विभाग मेरठ