उनके समर्थन में बेंगलूरु, भोपाल, जयपुर, मुंबई और अमरीका के सैन फ़्रांसिस्को और बोस्टन शहरों में भी ऐसी हड़तालें आयोजित की गईं। महिला संगठन, सहेली (विमेन अगेंस्ट सेक्श्यूल वायलेंस एंड स्टेट रिप्रैशन) की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक हाल ही में सोनी सोरी ने जेल से लिखे गए पत्रों में ज़िक्र किया था कि उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है और उन्हें दर्द और रक्तस्राव हो रहा है।

पत्रों में सोनी ने जेल प्रशासन पर ये आरोप भी लगाया था कि उनके लगातार मांग करने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधाएं मुहैया नहीं कराईं।

मेडिकल जांच की मांग

पिछले साल जब सोरी छत्तीसगढ़ की जगदलपुल जेल में थीं, तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ पुलिस पर हिरासत में प्रताड़ना के आरोप लगाए थे जिसके बाद कोर्ट ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में उनकी मेडिकल जांच के आदेश दिए थे।

तब सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से जवाब तलब किया था जिसके बाद सोरी को जगदलपुर जेल से निकालकर रायपुर सेन्ट्रल जेल में रखे जाने का आदेश दिया गया। हाल के पत्रों में सोनी सोरी ने आरोप लगाया है कि अक्तूबर 2011 में मेडिकल जांच के बाद उनका इलाज नहीं करवाया गया है।

इसके विरोध में महिला संगठनों ने मांग की है कि सोनी सोरी की तुरंत समुचित मेडिकल जांच हो और हिरासत में उन्हें तथाकथित तौर पर प्रताड़ित करने वाले पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्यवाई शुरु की जाए।

माओवादी होने का आरोप

प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका, सोनी सोरी को पांच अक्तूबर 2011 को क्राइम ब्रांच और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान में दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था। उनपर माओवादियों के साथ संबंध होने के आरोप है। सोरी इन आरोपों से इनकार करती हैं।

लेकिन हिरासत में लिए जाने के एक हफ्ते के अंदर ही सोरी का एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्हें दर्द से चीखते हुए देखा जा सकता था। इसके बाद सोरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा हिरासत में प्रताड़ना के आरोप लगाए गए थे।

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