-कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ रेंज से लौटते वक्त औचक चेकिंग में दबोचे गए

-गाड़ी से जंगली मुर्गा, सांभर की खाल, .22 की राइफल व कारतूस बरामद

LUCKNOW : बहराइच के कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ रेंज से शिकार कर लौट रहे इंटरनेशनल गोल्फर ज्योतिंदर सिंह रंधावा और उनके शूटर दोस्त महेश विराजदर को वन विभाग की टीम ने बुधवार सुबह अरेस्ट किया। टीम ने उनकी गाड़ी से मृत जंगली मुर्गा, सांभर की खाल, .22 बोर की राइफल व 80 जिंदा कारतूस बरामद किये हैं। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की जुडीशियल कस्टडी में जेल भेज दिया है। बता दें कि रंधावा बॉलीवुड एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह के पूर्व पति हैं जबकि, महेश विराजदर का आर्मी से कोर्टमार्शल हो चुका है।

संतोषनजक जवाब न दे सके

कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ रेंज के डीएफओ जीपी सिंह ने डीजे आईनेक्स्ट से बातचीत में बताया कि मोतीपुर रेंज के बीट नंबर 29 स्थित खपरिया वन चौकी पर तैनात वनकर्मियों ने रेंज से निकल रही इसुजु एसयूवी (एचआर26डीएन/4299) को चेकिंग के लिये रोका। उसमें इंटरनेशनल गोल्फर ज्योतिंदर सिंह रंधावा व उनके दोस्त महाराष्ट्र के शोलापुर निवासी महेश विरादकर थे। गाड़ी में ज्योतिंदर का बेटा जोरावर भी था। पूछताछ में ज्योतिंदर व महेश कोई संतोषजनक जवाब न दे सके। जिसके बाद वनकर्मियों ने तुरंत वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स को इसकी सूचना दी।

फार्म हॉउस में रुके थे

एसटीएफ कर्मियों ने ज्योतिंदर सिंह की एसयूवी की तलाशी ली तो उसमें जंगली मुर्गा, सांभर की खाल, .22 की टेलीस्कोपिक राइफल, 80 जिंदा कारतूस, 3 खोखा कारतूस, नाइट विजन डिवाइस मिले। जिसके बाद ज्योतिंदर व महेश को हिरासत में लेकर मोतीपुर रेंज में पूछताछ शुरू की गई। पूछताछ में ज्योतिंदर ने बताया कि कतर्नियाघाट रेंज के करीब ही उनका फार्महाउस है। जहां वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ ठहरने के लिए आते हैं। उन्होंने शिकार की बात से इंकार किया। जब एसटीएफ ने उनसे एसयूवी में बरामद मृत जंगली मुर्गा, बरामद खाल व राइफल के बारे में पूछताछ की तो वे टालमटोल करने लगे। शिकार की पुष्टि होने पर एसटीएफ ने ज्योतिंदर व महेश को अरेस्ट किया। जबकि, ज्योतिंदर के बेटे जोरावर को उनके पिता रणधीर सिंह के सुपुर्द कर दिया गया। डीएफओ सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की जुडीशियल कस्टडी में भेज दिया गया।

बरामद

जंगली मुर्गा, सांभर की खाल, .22 की राइफल व 80 जिंदा कारतूस

इन धाराओं में हुआ चालान

भारतीय वन अधिनियिम 1927 का सेक्शन 26, 52ए व 64

वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के सेक्शन 9 की धारा 27,29,31,32,39,44,49,50,51 व 38वीं।