400 मामले आए सामने
रिपोर्ट के मुताबिक, रांची की अदालतों में करीब 400 से भी ज्यादा मामले ऐसे चल रहे हैं जहां पुरुष पत्िनयों की प्रताड़ना झेल रहे हैं। ऐसे में बीवी द्वारा प्रताड़ित हो रहे पतियों ने सेव इंडियन फैमिली परित्राणा नाम का एक संगठन बनाया है। इस संगठन का संचालन एक अध्यक्ष करता है। और वह सभी पीड़ित पतियों की समस्या का समाधान निकालते हैं। इस संगठन में हर जाति और धर्म के लोग जुड़े हैं। यही नहीं डॉक्टर, इंजीनियर, एडवोकेट, सरकारी कर्मचारी और बिजनेसमैन तक भी इसमें शामिल हैं।

दहेज उत्पीड़न का फर्जी केस

इस संगठन में शामिल हुए सभी पतियों का कहना है कि, उनकी बीवियों ने कानून का गलत उपयोग कर उनके ऊपर दहेज उत्पीड़न का झूठा केस लगाया है। इसके साथ ही उनके माता-पिता और दूसरे परिजनों का जीना भी मुश्किल कर दिया है। महिला इंडियन पीनल कोड में महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए भारतीय संसद ने 1983 में एक कानून बनाया था। कानून के सेक्शन 498(ए) के तहत कोई भी विवाहिता महिला अपने पति और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ दहेज का मामला दर्ज कराती है तो उनको कम से कम तीन साल तक की जेल हो सकती है।

कोर्ट में ऐसा है हाल
कोर्ट में दहेज संबंधी मामले देख रहे वकील अजय पांडेय बताते हें कि देशभर में बड़ी संख्या में पति 498(ए) की प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। संस्था के एक सर्वे के अनुसार, राज्य के विभिन्न कोर्ट में 498(ए) के लगभग पांच हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग पड़े हैं।

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