जिस सारनाथ में भगवान बुद्ध ने शांति और अहिंसा का पहला संदेश दिया, उसी भगवान के मंदिर के आगे एक पति ने चाकू से गोद-गोद अपनी बीवी को मौत के घाट उतार दिया। ये खौफनाक वारदात के चश्मदीद दर्जनों देसी-विदेाश्ी टूरिस्ट्स भी बने जो घंटों तक दहशत में रहे। क्यों पति बन गया कातिल, क्यों मांग भरने वाले ने बहाया वाइफ का खून? सारी डिटेल अंदर के पेज पर।

पत्‍‌नी चिल्लाती रही, लोग कैमरे चलाते रहे

- सारनाथ में लेडी टूरिस्ट गाइड को पति ने उतारा मौत के घाट, चाकू के वार से गोद डाला

- पच्ी के काम करने पर हसबैंड का था एतराज, दोनों काफी दिनों से रह रहे थे अलग

- खून से लथपथ वाइफ करती रही बचाने की गुहार लेकिन कोई नहीं आया मदद के लिये आगे

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : सिटी के सबसे बड़े टूरिस्ट स्पॉट सारनाथ में गुरुवार की सुबह एक ऐसी वारदात हुई जिसने दर्जनों टूरिस्ट को दहशत से भर दिया। मूलगंध कुटी विहार मंदिर के सामने ही एक लेडी टूरिस्ट गाइड को उसके ही पति ने दौड़ा-दौड़ा कर चाकूओं से गोद कर मार डाला। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पति भाग निकला। सूचना मिलते ही सारनाथ पुलिस ने खून से लथपथ लेडी गाइड को दीन दयाल उपाध्याय जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस तुरंत ही हत्यारे पति की तलाश में जुट गयी और उसे दोपहर बार अरेस्ट भी कर लिया।

गाइड थी महिला

चंदौली के लौंदा झांसी गांव की रहने वाली शशिबाला तिवारी (30 वर्ष) की छह साल पहले सारनाथ के शैलेन्द्र त्रिपाठी से शादी हुई थी। इन दोनों के दो बेटे भी हैं। शैलेन्द्र टैक्सी ड्राइवर है। कुछ साल से दोनों ने अलग कमरा लेकर घर-गृहस्थी सेटअप कर ली थी। इसके बाद करीब एक साल पहले शशिबाला ने यूपी गर्वनमेंट की ओर से गाइड की ट्रेनिंग ली और सारनाथ में लोकल गाइड का काम करने लगी। शशिबाला के गाइडिंग वर्क को लेकर शैलेन्द्र और उसकी फैमिली का विरोध था। शैलेन्द्र ने कई बार अपनी वाइफ को गाइड का काम छोड़ घर चलने के लिये प्रेशर बनाया लेकिन बात नहीं बन सकी।

आया था समझाने को

गाइड का काम करने को लेकर शैलेन्द्र और उसकी वाइफ में तकरार इतना बढ़ गया कि दोनों कुछ महीने पहले अलग-अलग हो रहे लगे। शशिबाला अपने पैरेंट्स के साथ पहडि़या में किराये पर रह रही थी। जबकि पति अपनी फैमिली के साथ रहने लगा। गुरुवार को शैलेन्द्र एक बार फिर से शशिबाला को समझाने सारनाथ पहुंचा। मूलगंध कुटी विहार के सामने की चाय के दुकान पर उसने इंतजार किया। शशिबाला आटो से पहुंची तो शैलेन्द्र ने उसे रोका और काम छोड़ कर घर वापस चलने की जिद करने लगा। हालांकि वाइफ ने उसे साफ कह दिया कि वह काम नहीं छोड़ सकती।

शुरू हो गयी हाथापाई

हसबैंड वाइफ के बीच तकरार बढ़ी तो दोनों गाली-गलौज पर उतर आये। सड़क पर तमाशा हो गया। शैलेन्द्र ने पत्‍‌नी को थप्पड़ मारा तो शशिबाला ने भी विरोध में पति पर हाथ छोड़ दिया। बीवी को हाथ छोड़ना शैलेन्द्र को इतना नागवार गुजरा कि उसने अपने साथ लाये चाकू को निकाला और पत्‍‌नी पर वार कर दिया। ये देख सभी भक्क रहे गये। पहला वार शैलेन्द्र ने पेट में किया लेकिन शशिबाला के बचाव से वार मामूली घाव ही कर सका।

फिर दौड़ा-दौड़ाकर मारा

चाकू के वार से हैरान शशिबाला जान बचाने के लिये मदद की गुहार करते हुए भागने लगी। शैलेन्द्र ने उसे दौड़ा लिया और भागते हुए ही उसके ऊपर एक के बाद एक कई वार कर डाले। दर्जनों तमाशबीन लोगों में कोई भी मदद के लिये आगे नहीं आया। सभी ये खूनी तमाशा देखते रहे। हमले में शशिबाला के पेट, सीने, पीठ, गाल पर चाकूओं से आधा दर्जन से ज्यादा वार किए थे जिसमें कई वार जानलेवा साबित हुए। लहुलूहान शशिबाला कुछ दूर जा गिरी। जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

कैंट स्टेशन के पास चढ़ा पुलिस के हत्थे

वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पति पास में मौजूद बिड़ला धर्मशाला में घुसा और बाउंड्रीवाल लांघकर भाग निकला। एक सिपाही ने उसका पीछा करने की कोशिश की लेकिन वह हाथ नहीं आ सका। इधर शशिबाला की मौत की पुष्टि के बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गयी। लोकेशन कैंट स्टेशन के पास मिली तो पुलिस ने उसे जाल बिछा कर धर दबोचा।

बाद में चढ़ा पुलिस के हत्थे

वारदात के बाद मौके से फरार आरोपी पति शैलेन्द्र को क्राइम ब्रांच ने दोपहर बाद कैंट स्टेशन के पास से अरेस्ट कर लिया। इस बारे में एसओ सारनाथ ने बताया कि पत्‍ि‌न को काम करने से रोकने और अलग रहने के कारण शैलेन्द्र गुस्से में था। इसी बात को लेकर वह पत्‍ि‌न को समझाने पहुंचा था लेकिन पत्‍ि‌न ने उसकी नहीं सुनी और उसपर हाथ छोड़ दिया। इससे गुस्साये शैलेन्द्र ने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने मृतका शशिबाला के पिता सरोज द्विवेदी की तहरीर पर आरोपी पति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

हाईलाइट्स

- गया बौद्ध मंदिर में सीरियल ब्लास्ट के बाद सारनाथ में सिक्योरिटी को लेकर तमाम दावे किये गये थे लेकिन गुरुवार को इनकी पोल खुल गयी।

- मूलगंध कुटी विहार के इंट्रेंस पॉइंट पर दो सिपाहियों की ड्यूटी रहती है लेकिन घटना के वक्त दोनों कहां थे, कोई नहीं जानता।

- एसपी सिटी सुधाकर यादव जब सारनाथ पहुंचे तो उन्होंने ड्यूटी पर तैनात सिपाही रमाकांत यादव और अवधेश यादव को फटकार लगाई हालांकि उनकी इस फटकार से अब शशिबाला की जिंदगी वापस नहीं आ सकती।

- शशिबाला की मौत और शैलेन्द्र की गिरफ्तारी के बाद उनके दोनों बेटों मृत्युंजय (5 वर्ष) और दुर्गाप्रसाद (एक वर्ष) के फ्यूचर को लेकर भी सवाल खड़ा हो गया है।

खूनी तमाशा का बनाते रहे वीडियो

(शॉकिंग ऑस्पेक्ट)

जिस वक्त शैलेन्द्र शशिबाला का कत्ल कर रहा था, वहां तमाम लोकल लोगों के साथ देसी और विदेशी टूरिस्ट ये खूनी तमाशा देख रहे थे। लेकिन शर्मनाक ये था कि कोई शशिबाला की मदद के लिये नहीं आया। कुछ ने आवाज भी लगाई कि अरे कोई रोको लेकिन खुद मदद को हाथ नहीं बढ़ाया ना विरोध दर्ज कराया। हां, भीड़ में कुछ मोबाइल के साथ इस खौफनाक घटना की तस्वीर और वीडियो उतारने में बिजी जरूर थे। ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली चिडि़याघर में एक लड़के को शेर का निवाला बनने का तमाशा लोगों ने वीडियो में कैप्चर किया। पुलिस सारनाथ के वारदात की वीडियो बनाने वालों को तलाश रही है ताकि वीडियो को सबूत के तौर पर शामिल किया सके लेकिन अब तक कोई हाथ नहीं आया है।