एक साल पहले हुई थी शादी
कौशांबी का रहने वाला श्रीकांत सिंह सीआईएसएफ में पोस्टेड है। उसकी शादी 24 जून 2011 को प्रेम सिंह की बेटी के साथ हुई थी। पारिवारिक रजामंदी से शादी तो हो गई लेकिन विचारों से दोनों को रिश्ता पसंद नहीं था। श्रीकांत का कहना है कि शादी के दो दिन बाद ही पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई। 10 दिन बाद वह आई। लेकिन, इसके बाद भी उसका व्यवहार ऐसा नहीं था कि साथ रखा जाय। इसी के चलते 15 जुलाई को वह फिर मायके चली गई। 17 जुलाई को वह अपने तैनाती स्थल उड़ीसा चला गया। इसके बाद घर वालों के बीच बातचीत हुई तो पत्नी को भी उड़ीसा पहुंचा दिया गया. 

दहेज की रिपेार्ट के बाद कोर्ट पहुंचे
अकेले साथ रहने के बाद भी दोनों एक दूसरे को समझ नहीं पाए। किसी न किसी बात पर उनका विवाद होता था। नतीजा एक बार फिर उसकी वाइफ मायके पहुंच गई। 21 अगस्त 2011 को दोनों पक्षों में समझौते की असफल कोशिश हुई। बात नहीं बनने पर 16 सितंबर को श्रीकांत के फादर इन ला ने उसके खिलाफ कौशांबी में दहेज के लिए उत्पीडि़त करने का मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को परिवार कल्याण केन्द्र में बुलाया। यहां दोनों को एक बार फिर साथ बैठकर बात करने का मौका मिला तो उम्मींद की किरण जगी। दो अक्टूबर 2011 को फिर दोनों एक हो गए. 

पत्नी पर हत्या की साजिश का आरोप
श्रीकांत का आरोप है कि एक दिन उसने अपनी वाइफ को फोन पर किसी से बात करते हुए सुना की वह उसकी मर्डर की प्लानिंग बना रही है। ऐसे में सारे समझौते रिश्ते वहीं धरे रह गए। विवाद के बाद उसकी वाइफ एक बार फिर मायके पहुंच गई। अब श्रीकांत के फादर इन लॉ के पास कोई आप्शन नहीं बचा था। उन्होंने इस आरोप को बकवास बताया और इंसाफ पाने के लिए फैमिली कोर्ट की शरण ली. 

डेट पर पहुंचा था श्रीकांत
फैमिली कोर्ट में मामला पेंडिंग है। थर्सडे को श्रीकांत डेट पर कोर्ट पहुंचा था। इस दौरान उसकी वाइफ और ससुर थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो दोनों ने एक दूसरे को देखा तो अपने गुस्से को नहीं रोक सके। आरोप है कि वाइफ ने श्रीकांत को थप्पड़ रसीद कर दिया। इससे श्रीकांत बौखला गया और उसने वाइफ और फादर इन ला की पिटाई शुरू कर दी। यह देख वाइफ की ओर से बीच बचाव में उसके एडवोकेट आए तो श्रीकांत ने उन्हें भी एक घंूसा जड़ दिया। यह देखकर अधिवक्ता के दो साथी आगे बढ़े तो श्रीकांत उन पर भी भारी पड़ गया। इस दौरान कोर्ट कैंपस में इसकी सूचना फैल गई। इस सूचना पर देखते ही देखते दर्जनों एडवोकेट ने श्रीकांत को घेर लिया और धुनाई शुरू कर दी। इसकी जानकारी होने पर कर्नलगंज पुलिस और सीओ वहां पहुंचे और श्रीकांत को भीड़ से मुक्त कराया। उसे थाने लाया गया और मेडिकल भी हुआ। देर रात तक इस मामले में कोई रिपोर्ट दर्ज किए जाने की सूचना नहीं थी.

एक साल पहले हुई थी शादी

कौशांबी का रहने वाला श्रीकांत सिंह सीआईएसएफ में पोस्टेड है। उसकी शादी 24 जून 2011 को प्रेम सिंह की बेटी के साथ हुई थी। पारिवारिक रजामंदी से शादी तो हो गई लेकिन विचारों से दोनों को रिश्ता पसंद नहीं था। श्रीकांत का कहना है कि शादी के दो दिन बाद ही पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई। 10 दिन बाद वह आई। लेकिन, इसके बाद भी उसका व्यवहार ऐसा नहीं था कि साथ रखा जाय। इसी के चलते 15 जुलाई को वह फिर मायके चली गई। 17 जुलाई को वह अपने तैनाती स्थल उड़ीसा चला गया। इसके बाद घर वालों के बीच बातचीत हुई तो पत्नी को भी उड़ीसा पहुंचा दिया गया. 

दहेज की रिपेार्ट के बाद कोर्ट पहुंचे

अकेले साथ रहने के बाद भी दोनों एक दूसरे को समझ नहीं पाए। किसी न किसी बात पर उनका विवाद होता था। नतीजा एक बार फिर उसकी वाइफ मायके पहुंच गई। 21 अगस्त 2011 को दोनों पक्षों में समझौते की असफल कोशिश हुई। बात नहीं बनने पर 16 सितंबर को श्रीकांत के फादर इन ला ने उसके खिलाफ कौशांबी में दहेज के लिए उत्पीडि़त करने का मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को परिवार कल्याण केन्द्र में बुलाया। यहां दोनों को एक बार फिर साथ बैठकर बात करने का मौका मिला तो उम्मींद की किरण जगी। दो अक्टूबर 2011 को फिर दोनों एक हो गए. 

पत्नी पर हत्या की साजिश का आरोप

श्रीकांत का आरोप है कि एक दिन उसने अपनी वाइफ को फोन पर किसी से बात करते हुए सुना की वह उसकी मर्डर की प्लानिंग बना रही है। ऐसे में सारे समझौते रिश्ते वहीं धरे रह गए। विवाद के बाद उसकी वाइफ एक बार फिर मायके पहुंच गई। अब श्रीकांत के फादर इन लॉ के पास कोई आप्शन नहीं बचा था। उन्होंने इस आरोप को बकवास बताया और इंसाफ पाने के लिए फैमिली कोर्ट की शरण ली. 

डेट पर पहुंचा था श्रीकांत

फैमिली कोर्ट में मामला पेंडिंग है। थर्सडे को श्रीकांत डेट पर कोर्ट पहुंचा था। इस दौरान उसकी वाइफ और ससुर थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो दोनों ने एक दूसरे को देखा तो अपने गुस्से को नहीं रोक सके। आरोप है कि वाइफ ने श्रीकांत को थप्पड़ रसीद कर दिया। इससे श्रीकांत बौखला गया और उसने वाइफ और फादर इन ला की पिटाई शुरू कर दी। यह देख वाइफ की ओर से बीच बचाव में उसके एडवोकेट आए तो श्रीकांत ने उन्हें भी एक घंूसा जड़ दिया। यह देखकर अधिवक्ता के दो साथी आगे बढ़े तो श्रीकांत उन पर भी भारी पड़ गया। इस दौरान कोर्ट कैंपस में इसकी सूचना फैल गई। इस सूचना पर देखते ही देखते दर्जनों एडवोकेट ने श्रीकांत को घेर लिया और धुनाई शुरू कर दी। इसकी जानकारी होने पर कर्नलगंज पुलिस और सीओ वहां पहुंचे और श्रीकांत को भीड़ से मुक्त कराया। उसे थाने लाया गया और मेडिकल भी हुआ। देर रात तक इस मामले में कोई रिपोर्ट दर्ज किए जाने की सूचना नहीं थी।