नितेश के मुताबिक उनकी शादी आरती से छह मई को हुई लेकिन शादी को डेढ़ महीना भी नहीं हुआ था कि दोनों प्रणय सूत्र के बंधन से रक्षाबधन के रिश्ते में बंध गए.

इस नए रिश्ते से नाराज़ आरती की मां सविता त्यागी कहती हैं," मैंने विधि विधान से पूरे समाज के सामने अपनी बेटी की शादी की, अब वह उसे बहन बना रहा है. ये तो शास्त्रों को धोखा देना हुआ."

नितेश के मुताबिक आरती ने उन्हें शादी वाली रात ही ये बात बता दी थी कि वह पहले से विनीत बिष्ट नाम के लड़के से शादी कर चुकी हैं. लेकिन उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन जब विनीत ने उन्हें शादी की फ़ोटो दिखाई, तब जाकर उन्हें और उनके परिवार को इस बात पर यकीन हुआ.

नितेश का कहना था, "हम दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं बन पाता. हम दोनों दोस्त की तरह रह रहे थे. इसलिए हम दोनों ने समाज के सामने भाई-बहन बनने की ठानी."

रज़ामंदी

आरती और विनीत की शादी की तस्वीर

नितेश के पिता अनिल त्यागी का कहना है कि उन्होंने आरती के परिवारवालों को बुलाकर कहा था कि वह विनीत विष्ठ से उनकी शादी करवा दे लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया.

अनिल का कहना था, "हम तो आरती को बहू बनाकर लेकर आए थे लेकिन इन दोनों में किसी प्रकार का संबंध स्थापित नहीं हुआ था इसलिए हमने दोनों को भाई बहन बनने की रज़ामदी दे दी."

अनिल कहते हैं, " हमारा परिवार यही चाहता है कि जिससे आरती शादी होने की बात कह रही है, हम कोशिश करेंगे वो जहां जाना चाहती जाए और प्रशासन से भी मदद की मांग करूंगा. "

आरती की मां सविता आरोप लगाती है कि नितेश के माता-पिता झूठ बोल रहे हैं. उनका कहना है कि विनीत बिष्ट के पिता से उनकी बात हो चुकी है और वो ये साफ़ कह चुके हैं कि उनका बेटा नाबालिग है और वह ऐसा कर ही नहीं सकता.

सविता उन कागज़ों की मांग कर रही हैं जिससे ये साबित हो सके कि उनकी बेटी की विनीत नामक लड़के से शादी हो चुकी है

इस मामले ने ये बहस ज़रूर छेड़ दी है कि क्या सुविधा के मुताबिक नए रिश्ते गढ़े जा सकते हैं?

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