चार साल की रोशनी की यह दुआ ऊपर वाले ने कुबूल नहीं की। क्योंकि हॉस्पिटल की मॉर्चरी में उसे जो डेडबॉडी सबसे पहले दिखायी गई। वो उसके भाई समीर की थी। समीर को तो उनके घरवालों ने ढूंढ लिया, लेकिन मरने वालों में कई लोग ऐसे भी थे जिन्हें अब तक उनके अपनों का इंतजार है।

कौन हूं मैं

कालका के सफर में नौ पैसेंजर्स ऐसे हैं जिनकी डेडबॉडीज की अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। इन अनक्लेम्ड डेडबॉडीज में से कोई किसी का पिता है तो कोई भाई। कोई किसी की मां है तो कोई बहन। इन बेनाम लाशों पर एक कपड़ा तक नहींथा। बल्कि, उन्हें कफन से ढका गया था। ना ही उनके पास से कोई ऐसी निशानी मिली जिससे उनकी पहचान ही हो सके। ये सब डेड बॉडीज रामा हॉस्पिटल और उर्सला की मॉर्चरी में रखी हुई हैं। मगर, सिचुएशन कुछ और ही है। इन लाशों को पहचान पाना तो दूर, नजदीक तक खड़ा हो पाना दुश्वार है। वेडनेसडे को आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने देखा कि एक्सीडेंट की वजह से ये डेड बॉडीज बुरी तरह सड़ चुकी हैं और उन पर कीड़े पड़ चुके हैं। मॉर्चरी में रखी इन डेड बॉडीज की वीडियो रिकॉर्र्डिंग करवाई गई है।

वीडियो रिकॉर्डिंग से पहचान

इस वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ्स को गुमशुदा की तलाश में आने वालों को दिखाया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स के मुताबिक मरने वालों की डेड बॉडीज को मसाला लगाकर प्रिजर्व किया गया है। तकरीबन हर 15 मिनट में कोई न कोई शख्स हादसे में गुम हुए एक आस के साथ अपनों को ढूंढता हुआ वहां आ जाता है। इन बेनाम लाशों में कोई महिला अपने सुहाग तलाशता नजर आया तो कोई बदनसीब बाप अपनी बेटी की तस्वीर लेकर भटकता दिखा। जब तसल्ली नहींहुई तो इन लोगों को वीडियो रिकॉर्र्डिंग दिखाई गई। शिनाख्त के इसी प्रॉसेस में दो अनक्लेम्ड डेड बॉडीज को उनके अपनों ने पहचाना। इनमें पहली डेड बॉडी बागपत के समीर की थी और दूसरी जबलपुर के अभय की. 

दो दिन बाद क्रिमेशन

ट्रेन एक्सीडेंट में अनक्लेम्ड डेडबॉडीज की शिनाख्त नहीं हो पाई है। उनका अंतिम संस्कार  डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन करवाएगा। इसी क्रम में वेडनेसडे को इन डेड बॉडीज की आंखों की रेटिना, फिंगर प्रिंट के सैम्पल कलेक्ट किए गए हैं। इन सैम्पल्स की जांच लखनऊ में की जाएगी। डीएम डॉ। हरीओम ने बताया कि डेड बॉडीज का क्रिमेशन उनके रिलीजन के मद्देनजर करवाया जाएगा। फॉरेंसिक टीम की एक्सपर्ट मनीषा वर्मा के सुपरविजन में डेड बॉडीज के हाथ की उंगलियों के निशान,  रेटिना का कलर, बॉडी पार्ट का छोटा सा पीस निकाला गया है। स्लाइवा, स्किन, बोन का भी एक-एक पीस कलेक्ट किया गया है। सैंपल को लखनऊ भेजा जा रहा है.