- डोप में फंसने वाले पैरा पॉवरलिफ्टर सचिन ने दी सफाई

- सचिन की आई नेक्स्ट के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत

आई नेक्स्ट एक्सक्लूजिव

nikhil.sharma@inext.co.in

Meerut: कॉमनवेल्थ गेम्स में डोपिंग में फंसे भारतीय पैरा पॉवरलिफ्टर सचिन चौधरी पर आरोपों की बरसात हो रही है। सचिन देश को शर्मसार करने वाले खिलाड़ी बताए जा रहे हैं। लेकिन हकीकत क्या है ये मेरठ के सचिन चौधरी ने आई नेक्स्ट संग एक्सक्लूसिव बातचीत में बताई।

साजिश हुई है।

कंकरखेड़ा के सचिन चौधरी ने आईनेक्स्ट संग एक्सक्लूजिव बातचीत में बताया कि दो साल पहले उनका कंधे का ऑपरेशन हुआ था। जिसमें उनके डॉक्टर ने जरूरी तौर पर दी जाने वाली दवाई की नाडा से इजाजत मांगी थी। नाडा ने इजाजत दे भी थी और उसका परमिशन लेटर आज भी मेरे पास है।

नहीं बताया सच

आखिरी समय में कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने वाले सचिन चौधरी का कहना है कि उन्हें एसोसिएशन की ओर से और ना ही नाडा की ओर से बताया गया कि नाडा का वो परमिशन लेटर उन्हें अपने डॉक्यूमेंट के साथ देना होगा। उन्होंने ये लेटर नहीं लगाया और मुश्किल में फंस गए। उन्होंने माना कि अगर कोई उन्हें लेटर लगाने की जानकारी देता तो वो जरूर लेटर लगाते।

ओलंपिक में भी था सेलेक्शन

सचिन ने बताया कि उनका ऑपरेशन लंदन ओलंपिक से पहले ही हो गया था। तब भी उनका ओलंपिक में सेलेक्शन हो गया था। लेकिन एसोसिएशन ने उन्हें स्टेरायड लेने के लिए नाडा का परमिशन लेटर लगाने को कहा था।

नाडा से भी की गुजारिश

सचिन का ये ए सेंपल डोप टेस्ट किसी प्रतिस्पर्धा के बीच नहीं हुआ था। सचिन ने कहा कि वह नाडा आफिस भी होकर आए। जहां उन्होंने उनसे उनका बी सेंपल लेने की बात कही। लेकिन नाडा अधिकारियों ने कहा कि बी सेंपल का परिणाम ख्0 दिन बाद आएगा। लेकिन तब तक कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म हो जाते।

मायूस हूं मैं

ख्00भ् से अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग ले रहे सचिन चौधरी ने कहा कि वह मायूस है। वह बच्चा नहीं है, जो जानबूझकर स्टेरायड लेगा। ये उनकी गलती का मामला नहीं है।

मिट गया सब

सचिन ने कहा कि ग्लासगो में मुझे एक स्लिप दी गई। जिसमें सेंपल नंबर लिखा होता है। लेकिन ये सेंपल नंबर स्लिप में पेंसिल से लिखा गया और ये मिट गया है।

मुझे नहीं पता कि नाडा का लेटर डॉक्यूमेंट में लगाना था। अगर पता होता तो मैं ये गलती नहीं करता।

-सचिन चौधरी, पैरा पॉवरलिफ्टर