नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि वे गंगा आरती नहीं कर पाएंगे. नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर वाराणासी में गंगा आरती न कर पाने के लिए माफ़ी माँगी है. मोदी ने ट्वीट किया, 'मैं आरती न कर पाने के लिए गंगा माँ से माफ़ी माँगता हूँ. काश ये लोग समझ पाते कि माँ का प्यार राजनीति से ऊपर होता है.'

चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग संस्था की तटस्थता को लेकर चिंतित नहीं है और यही वजह है कि हमारे कार्यकर्ताओं को सत्याग्रह करना पड़ रहा है."

भाजपा ने कहा है कि मोदी को संसदीय क्षेत्र में दो रैलियां करनी थीं लेकिन एक रैली के लिए इजाज़त नहीं मिली है. बीजेपी ने इसके विरोध में दिल्ली में चुनाव आयोग कार्यालय और वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बाहर धरना देने का ऐलान किया है.

वाराणसी के ज़िलाधिकारी प्रांजल यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "सुरक्षा कारणों से बेनियाबाग़ में जनसभा की अनुमति नहीं दी जा रही है."

भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, "क्या नरेंद्र मोदी के वाराणसी में प्रवेश पर प्रतिबंध लग गया है?"

अरुण जेटली ने ज़िला प्रशासन की तीखी आलोचना करते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि कौन हस्तक्षेप कर रहा है लेकिन इस संसदीय क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए गंभीर खतरा हैं."

बनारस में मोदी की रैली को लेकर दिल्ली में धरना

जेटली ने मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत से बात की और इस मामले पर आज उन्हें तीन पत्र लिखकर निर्वाचन अधिकारी को तुरंत हटाने की मांग की.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक वह पद पर बैठे हैं तब तक वाराणसी में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं.

उन्होंने कहा, "हम चुनाव आयोग से बहुत निराश हैं क्योंकि वह मूक दर्शक बना हुआ है और निर्वाचन अधिकारी को हटाने में हस्तक्षेप करने में नाकाम रहा है, हमारे पास विरोध करने के सिवा कोई चारा नहीं है."

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार विवाद के बाद भाजपा को अपनी रैली और गंगा आरती कार्यक्रम रद्द करना पड़ा है.

पीटीआई के अनुसार प्रांजल यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी को एक दूसरे स्थान पर रैली करने की अनुमति दी गई है और भाजपा इसे बिना बात का मुद्दा बना रही है, लेकिन इस पर अरुण जेटली का कहना था कि क्या पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऐसी जगह रैली करेंगे जहां मात्र 2,000 लोग ही हिस्सा ले पाएं.

अरुण जेटली के मुताबिक भाजपा ने किसी दूसरी जगह रैली का प्रस्ताव चुनाव आयोग को नहीं भेजा था.

रिपोर्टों के अनुसार भाजपा का कहना है कि उसे बताया गया था कि मोदी की रैली वाली जगह को किसी एनजीओ को कार्यक्रम करने के लिए पहले ही दिया जा चुका है लेकिन बाद में गुप्तचर विभाग ने आपत्तियां उठाईं.

नरेंद्र मोदी के सहयोगी अमित शाह का कहना था, "रिटर्निंग अफ़सर से अनुपति आने में देर हुई. अगर किसी प्रकार का सुरक्षा खतरा था तो गुप्तचर विभाग की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?"

भाजपा ने मीडिया को जारी एक वक्तव्य में कहा कि पार्टी गुरुवार 11 बजे काशी विश्वविद्यालय के समक्ष धरना देगी. पार्टी ने कहा कि नरेंद्र मोदी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से लेकर पार्टी मुख्यालय तक यात्रा करेंगे और रास्ते में विभिन्न इलाकों से गुज़रेंगे.

International News inextlive from World News Desk