शरीर में स्फूर्ति आती है

साइकिल चलाने से शरीर में स्फूर्ति आती है। दिनभर के आलस्य से भी मुक्ति मिलती है। गैस और सिर में दर्द जैसी प्रॉब्लम से भी आसानी से पार पाया जा सकता है। साइकिल ने कई लोगों की जिंदगी को बदला है। साइकिल को जीवन का हिस्सा अवश्य बनाना चाहिए। पहला सुख निरोगी काया होती है।

खिलाड़ी पर नहीं चढ़ता मोटापा

अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए फिट रहना जरूरी होता है। फिटनेस के आधार पर ही उनके करियर का स्तर निर्भर करता है। फिटनेस बनाए रखने के लिए साइकिल ही ऐसा माध्यम है जिससे अच्छे स्तर तक पहुंचा सकता है। साइकिल से शरीर के हर अंग की एक्सरसाइज होती है, जो खिलाडिय़ों की विल पावर स्ट्रांग करती है।

ट्रैफिक की समस्या होगी खत्म

शहरवासियों का जाम ने जीना मुहाल कर दिया है। शहर की जिस सड़क या गली में भी जाओ वहां जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। जब साइकिल सड़कों पर होगी तो अपने आप ही जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिलेगी।

मानसिक विकास होगा

साइकिल चलाने से मानसिक और शारीरिक विकास होता है। खिलाड़ी यदि दौड़ लगाएंगे तो वह अपना हेल्थ बेहतर तो कर सकते हैं, लेकिन मानसिक विकास करने में नाकाम होंगे। इसलिए साइकिल चलाने से दिमाग जो काम करता है उससे सीधा लाभ खिलाडिय़ों को ही मिलेगा।

जब गिफ्ट में मिली साइकिल

'मुझे बचपन से ही साइकिल चलाने का शौक था। छह साल की उम्र में मुझे बर्थडे गिफ्ट साइकिल मिली थी। मैने साइकिल को अपनी कॉलोनी में खूब चलाया। जब बड़ा हुआ तो  पैरेंटस से साइकिल की जिद की। लेकिन उन्होंने मुझे नहीं दिलाई। मुझसे कहा कि पहले तुम दसवीं क्लास में अच्छे माक्र्स लाओ तब हम तुम्हें साइकिल दिलाएंगे। साइकिल पाने के लिए मेहनत से पढ़ाई शुरू कर दी। वर्ष 2004 में जब अच्छे अंक से पास हुआ तो मुझे साइकिल गिफ्ट में मिल गई। मैं हेल्दी रहने के लिए डेली साइकिल चलाता हूं.'

अभिनव चौधरी, निशानेबाज एवं कोच, करन शूटिंग रेंज