अमिताभ बच्चन कहते हैं कि उन्हें सबसे ज़्यादा मुश्किल तब होती है जब उन्हें अंग्रेज़ी में लिखी हिंदी पढ़नी पड़ती है। वो कहते हैं, “जब मुझे अपने डायलॉग रोमन लिपि में लिखे मिलते है, मुझे उससे बहुत परेशानी होती है। मैं मानता हूं कि अगर आप किसी भाषा के कार्यक्रम या फ़िल्म से जुड़े हैं, तो उस भाषा का बोलने और लिखने में सही इस्तेमाल होना चाहिए.”

ये बात अमिताभ बच्चन ने हाल ही में एक प्रैस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कही जो टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति के पांचवे सीज़न की शुरुआत से पहले की गई। केबीसी का पांचवा सीज़न पंद्रह अगस्त से शुरु हुआ है।

जिस तरह की शुद्ध भाषा का इस्तेमाल अमिताभ बच्चन करते हैं, अमूमन ऐसी हिंदी टीवी पर नहीं सुनी जाती। लेकिन अमिताभ मानते हैं कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में हिंदी ऐसे ही बोली जाती है। सत्तर और अस्सी के दशक के सुपरस्टार मानते हैं कि पहले की फ़िल्मों की भाषा आज की तुलना में ज़्यादा समृद्ध होती थी।

अमिताभ ने कहा, “मैं मानता हूं कि उस समय हम अपनी भाषा पर ज़्यादा ध्यान देते थे। लेकिन मैं आज की पीढ़ी की भी ग़लती नहीं मानता। समय बदल गया है, संपर्क और संवाद के तरीके और साधनों की रफ़्तार बढ़ गई है, इसलिए शायद उन्हें उस तरह की भाषा की ज़रूरत नहीं है.”

केबीसी

अमिताभ बच्चन ने अपने टीवी करियर की शुरुआत वर्ष 2000 में कौन बनेगा करोड़पति से की। जल्द ही कार्यक्रम काफ़ी लोकप्रिय हो गया। इस बारे में उनका कहना था, “जब केबीसी शुरु हुआ था, मुझे पता नहीं था कि लोगों को इतना पसंद आएगा। मुझे भी हैरानी हुई थी कार्यक्रम की इतनी लोकप्रियता देख कर। कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि मैं बहुत बड़ी ग़लती कर रहा हूं लेकिन केबीसी एक बहुत बढ़िया अनुभव रहा है.”

दर्शकों को अमिताभ बच्चन बतौर मेज़बान बहुत पसंद आए। उन्होंने शो का दूसरे और चौथा सीज़न भी होस्ट किया हालांकि 2007 में तीसरे सीज़न में शाहरुख़ ख़ान इसके होस्ट बने।

लेकिन चार सीज़न होस्ट करने वाले अमिताभ कहते हैं कि शो की सफलता में उनका कोई योगदान नहीं है। उनका कहना है, “इसकी वजह शो का प्रारुप है जो बहुत बढ़िया है। ये शो अस्सी से ज़्यादा देशों में चल रहा है और वहां भी बहुत लोकप्रिय और सफल है। उन देशों में तो मैं शो होस्ट नहीं कर रहा, इसलिए कैसे कह सकते हैं कि शो की सफलता की वजह मैं हूं.”

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