ट्रेन - 12565 बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
प्लेटफार्म नंबर - 07
टाइम - दोपहर - 3.40 बजे

रिपोर्टर - सर आपके पास फीडबैक फॉर्म है ?
आरपीएफ सिपाही- कैसा फीडबैक फॉर्म?
रिपोर्टर- जो यात्रियों को यात्रा के दौरान दिए जाते हैं और उनसे ट्रेन में सिक्योरिटी को लेकर फीड बैक लिए जाते हैं।
आरपीएफ सिपाही- हां-हां समझ गया। फीड बैक फार्म आज नहीं मिला है। वैसे अक्सर लेकर चलता हूं।

ट्रेन - 12555 गोरखधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस
प्लेटफार्म नंबर - 01
टाइम- शाम - 4.13 बजे

रिपोर्टर - सर आपके पास फीड बैक फार्म है?
आरपीएफ सिपाही- देखना पड़ेगा है भी या नहीं?
रिपोर्टर - क्यों कंप्लसरी नहीं है क्या ?
आरपीएफ- ठहरिए, देखता हूं। हां कुछ फॉर्म है।
रिर्पोटर - इतने फॉर्म में हो जाएगा?
आरपीएफ- जिसे जरूरत पड़ती है। उसे दे दिया जाता है।


ट्रेन - 15212 जननायक एक्सप्रेस
प्लेटफार्म नंबर - 07
टाइम - शाम 4.15 बजे

रिपोर्टर - आरपीएफ स्कार्ट है?
गार्ड - आरपीएफ स्कार्ट नहीं है
रिपोर्टर - तो क्या यह गाड़ी बिना आरपीएफ स्कार्ट के चलती है?
गार्ड - आज तक मैने कभी आरपीएफ स्कार्ट नहीं देखा है।
रिपोर्टर - इस ट्रेन में पैसेंजर्स की सुरक्षा कैसे की जाती है?
गार्ड- अब इसके लिए मैं क्या करूं? रेलवे प्रशासन जाने।


चलती ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर फीड बैक लेना आरपीएफ की जिम्मेदारी है। यात्रा के दौरान यदि किसी यात्री को सुरक्षा संबंधी कोई दिक्कत होती है तो वह इस फीडबैक फॉर्म के जरिए वह संबंधित महकमे को इससे अवगत करा सकता है।

ये होता है फीडबैक फॉर्म में
-क्या सफर के दौरान आप खुद को सेफ फील करते हैं?
-क्या आपको ट्रेन में कोई सुरक्षाकर्मी दिखता है?
-सिक्योरिटी स्टाफ का रिस्पांस कैसा है?
-आरपीएफ और जीआरपी के जवानों का व्यवहार आपको कैसा लगता है?
-क्या आपने कभी ट्रेन में कंप्लेन दर्ज कराई है? क्या आरपीएफ और जीआरपी के पास फीडबैक फॉर्म अवेलबल था?
-इस पर जीआरपी या आरपीएफ ने कैसा एक्शन लिया?
-आरपीएफ/जीआरपी/रेलवे स्टाफ का नाम जिसने सहयोग नहीं किया?
-क्या ट्रेन के कोच मेेंं आपने किसी अनऑथराइज्ड व्यक्ति, हॉकर, वेंडर या किन्नर को देखा है?
-क्या जीआरपी या आरपीएफ के जवान समय समय पर गश्त करते हैं?
फीडबैक फॉर्म में इसके अलावा तमाम ऐसे सवाल होते हैं जिसका जवाब पैसेंजर्स देते हैं.?इन जवाब के आधार पर संबंधित विभाग आरोपी पर एक्शन लेता है। अगर किसी यात्री को आरपीएफ द्वारा फीडबैक फॉर्म नहीं दिया जाता है तो इसके लिए आरपीएफ के जिम्मेदार अफसर से यात्री कंप्लेंट कर सकता है।

यात्रियों के दर्ज किए जाते हैं डिटेल्स
- पीएनआर नंबर
- यात्री का नाम
- कोच नंबर
- कांटैक्ट नंबर
- यात्री का एड्रेस
- टेलीफोन नंबर

इन प्रॉब्लम्स से बच सकते हैं यात्री
अगर आरपीएफ की तरफ से यात्रियों को फीड बैक फार्म दिया जाए तो शायद यात्रियों को इन प्राब्लम्स को फेस नहीं करनी पड़ेगी।
- अन अथराइज्ड वेंडर्स, किन्नर आदि से बच सकते हैं।
- आरपीएफ और जीआरपी की तरफ से को-आपरेशन होंगे।
- सिक्योरिटी बढ़ सकती है।

मैं अक्सर ट्रेन में सफर करता हूं, लेकिन आज तक  आरपीएफ की तरफ से कभी भी फीडबैक फॉर्म देते हुए नहीं देखा। फीडबैक फॉर्म होता तो काफी फायदा होता। रेलवे प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
आर एस चौधरी, पैसेंजर

कई बार तो सिक्योरिटी को लेकर आरपीएफ या फिर जीआरपी को बुलाते रहिए, लेकिन मौके पर कोई नहीं आता। रहा सवाल फीडबैक फॉर्म का तो वह तो मैने आज तक देखा ही नहीं।
डीके शुक्ला, पैसेंजर

अगर आरपीएफ स्कार्ट के पास फीडबैक फार्म नहीं थे तो यह गलत है। लखनऊ डिवीजन के अंतर्गत आने वाले आरपीएफ स्कार्ट को फीडबैक फार्म दिए जाएंगे।
सारिका मोहन, सीनियर कमांडेंट, लखनऊ डिवीजन, एनई रेलवे

 

report by : amarendra.pandey@inext.co.in