21 सदस्यीय टीम

इंग्लैंड़ दौरे पर रवानगी से पहले टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने एक प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा, 'हमारे लिए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की 2011 की सीरीज निराशाजनक रहीं, लेकिन जब हम दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड गए तो हम वास्तव में मैचों का अनुकूल समापन नहीं कर पाए. हमारे गेंदबाजों ने अच्छा प्रयास किया, लेकिन विरोधी टीम की बेहतरीन बल्लेबाजी से हम जीत हासिल नहीं कर सके. जब हम 50-50 की स्थिति में हों तो हमें उसका फायदा उठाना चाहिए.' टीम इंडिया अपनी 18 सदस्यीय टीम के साथ संडे को इंग्लैंड के लिए रवाना हो गई.

50 सालों में पहली बार

धोनी ने कहा कि भारत कैसी भी स्थिति में रहे उन्होंने अपना आक्रामक खेल ही खेलने का फैसला किया है क्योंकि प्लेयिंग इलेवन में सात बल्लेबाज होंगे. उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरी बल्लेबाजी का सवाल है तो मुझे अधिक आक्रामक होने की जरूरत है. जब मैं आक्रामक होकर खेलता हूं तो मैं बेहतर परफॉर्म करता हूं. मैं पहली गेंद से अपने शॉट खेलने का इरादा रखता हूं.' कैप्टन कूल ने कहा कि ये अच्छा है कि टीम जल्दी इंग्लैंड जा रही क्योंकि इससे टीम को दो प्रेक्टिस मैचों और फिर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले सिचुएशन से तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी. वहीं टीम इंडिया 50 सालों में पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ उसी के घर में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगा.

दिलचस्प बन गया दौरा

धोनी ने कहा कि कुछ खिलाड़ियों का ये इंग्लैंड का पहला दौरा है, लेकिन उन्हें साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड में खेलने का अनुभव है वो कुछ मैच खेल चुके हैं. यह लंबी सीरीज है और हम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के आदी नहीं है. कुल मिलाकर स्थिति अच्छी है, हमारे पास तैयारी के लिए काफी समय है.' इंग्लैंड का दौरा 26 जून से लीस्टरशर में प्रेक्टिस मैच से शुरू होगा. इसके बाद टीम इंडिया डर्बीशर के खिलाफ एक से तीन जुलाई के बीच अपना दूसरा प्रेक्टिस मैच खेलेगी. वहीं धोनी ने टीम के युवा अटैक की तारीफ करते हुए कहा कि 'ये युवा टीम है और अच्छी बात ये है कि इस पर उन हार का दबाव नहीं है. इस टीम ने साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में कुछ अच्छी क्रिकेट खेली है. कुल मिलाकर ये अच्छी टीम है. इंग्लिश टीम भी रेनोवेशन के दौर में है. इससे दौरा दिलचस्प बन गया है.'

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