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LUCKNOW : कुछ ऐसा ही हाल हुआ शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर। प्रधानमंत्री ने अपनी तीनों महत्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर हुए नये प्रयोगों की प्रदर्शनी देखने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने वाली 35 महिला लाभार्थियों से बात की तो कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। पीएम भी पीछे हीं रहे और महिलाओं से पूछा कि ऐसा तो नहीं कि आपको इतना बड़ा घर दे दिया तो यह तो नहीं कहते कि झाडू लगाने में दिक्कत होती है। साथ ही यह नसीहत भी दी कि घर और आसपास साफ-सफाई जरूर रखें, ताकि बीमारियां आप से दूर रहें। उन्होंने महिलाओं को बेटी पढ़ाओ का भी मंत्र दिया।

बीस मिनट तक की बात
प्रदर्शनी से बाहर आने के बाद पीएम एक कमरे में महिला लाभार्थियों से करीब बीस मिनट तक बात करते रहे। इस दौरान उन्होंने राजस्थान की रंजना सेन से पूछा कि आपको किसी अधिकारी ने सिखाकर तो नहीं भेजा है कि क्या बोलना है। इस पर रंजना ने नहीं बोल दिया। फिर पीएम ने पूछा कि आवास योजना के तहत सब्सिडी देने में किसी अधिकारी ने परेशान तो नहीं किया। अगर किसी ने किया हो तो आप बताइये। वहीं कुछ महिलाअेां से कहा कि हमें बताएं कि योजना में क्या कमियां है ताकि उन्हें सुधारा जा सके। इसके बाद मोदी जैसे ही कार्यक्रम स्थल जाने को उठे, पीछे से एक आवाज आई कि पीएम सर! मुझे भी आप से बात करनी है।

बेटी को पढ़ाने में दिक्कत नहीं होती

दरअसल छतरपुर की कुसुम चौरसिया ने पीएम से बात करने के लिए उनका रास्ता रोका। पीएम ने उनसे पूछा कि आप क्या करती हैं तो कुसुम ने तपाक से कहा कि मैं चाय बेचती हूं। यह सुनकर कमरे में मौजूद लोग हंस पड़े। पीएम ने कहा कि अच्छा आप भी चाय वाली हैं। मैं भी चाय वाला हूं। पीएम ने पूछा कि घर मिलने के बाद जीवन में क्या बदलाव आया तो कुसुम ने कहा कि उसकी चाय की दुकान एक स्कूल के पास है। अब वहीं नजदीक घर भी बन गया है। इससे बेटी को पढ़ाने में दिक्कत नहीं होती है।

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