इमरान का कहना है, “अगर मौका मिले तो मैं एक मामूली इंसान की ज़िंदगी जीना चाहता हूं जो नौ से पांच की नौकरी में हो, जो शाम को घर जा सकता है। हमारी इंडस्ट्री में काम का कोई समय नहीं है, कोई शनिवार-इतवार नहीं, जन्मदिन या नए साल की छुट्टियां नहीं होती। मैं वैसी ज़िंदगी जीना चाहूंगा.” ये बात इमरान ख़ान ने हाल ही में मुम्बई में एक नए चैनल के लॉन्च की घोषणा के मौके पर कही।

आम इंसान की ज़िंदगी भले ही जीना चाहते हों इमरान लेकिन उन्हें अपनी मौजूदा ज़िंदगी से भी कोई शिक़ायत नहीं है। इमरान का कहना था, “जब मैं एक कॉलेज स्टूडेंट था और इंडस्ट्री में मेरी कोई पहचान नहीं थी, मैंने उस ज़िंदगी का बहुत मज़ा लिया क्योंकि तब मेरी कोई ज़िम्मेदारियां नहीं थीं। लेकिन आज जब मेरी एक पहचान है, उसके भी फ़ायदे हैं। मैं मानता हूं कि स्थिति कैसी भी हो, आपको हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और हर बात और स्थिति में अच्छाई ढूंढनी चाहिए.”

इमरान ख़ान ये भी कहते हैं उनकी निजी ज़िंदगी एक खुली किताब है और अपने बारे में कोई ऐसी बात या ‘मिथ’ नहीं जिसे वो तोड़ना चाहेंगे। इमरान कहते हैं, “मेरी पर्सनल लाइफ़ बिलकुल खुली किताब है। सब को मेरे बारे में सब कुछ पता है। कोई गॉसिप नहीं है मेरे बारे में। काफ़ी बोरिंग पर्सनल लाइफ़ है मेरी.”

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