-खेल मंत्री ने किया खुलासा, बोले 1965 में ट्रायल में हो गया था फेल

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KANPUR : बुधवार को राज्य के खेल मंत्री चेतन चौहान ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि वो भी 1965 में यूपी के लिए ट्रायल देने आए थे, लेकिन तब वो भी ट्रायल में सलेक्ट नहीं हो सके। इसके चलते उन्हें महाराष्ट्र की ओर से खेलने को मजबूर होना पड़ा। मैं जानता हूं कि मेरी तरह हजारों युवा मौका नहीं मिलने पर दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं, लेकिन बतौर राज्य के खेल मंत्री मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में यहां पर खेल की सूरत बदल दूंगा। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर टेक्नोलॉजी और हर जरूरी चीज पर फोकस किया जा रहा है। हम खेल से जुड़े सभी खेल एसोसिएशन, अधिकारियों और कोचेस से बात कर रहे हैं। उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं, ताकि चीजों को जल्द से जल्द बदला जा सके।

सचिन ने कभी सीखना नहीं छोड़ा

खेल मंत्री ने दावा किया कि उन्होंने खेल विभाग के साथ-साथ सभी एसोसिएशन को टारगेट दिया है कि अगले दस साल में यूपी से कम से कम 5 मेडल्स आने चाहिए। हम इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि हम टारगेट पूरा करेंगे। अवॉर्ड जीतने वाले खिलाडि़यों को उन्होंने संदेश दिया कि ये सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी कभी सीखना नहीं छोड़ा, क्योंकि अगर आपने ये सोच लिया कि आपने सब कुछ सीख लिया है तो आपकी प्रतिभा वहीं खत्म हो जाएगी।