ये बात उन्होंने प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब को लेकर जारी विवाद के सिलसिले में पूछे गए सवाल के जवाब में कही.

संजय बारू की किताब में दावा किया गया है कि सरकार में प्रधानमंत्री सिर्फ़ रबड़ की एक मुहर हैं और सभी अहम फैसले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लेती रही हैं.

पंकज पचौरी ने इस बात से इनकार किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने संजय बारू की किताब पर चुप्पी साधी हुई है.

उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय से दो बार बयान जारी किया गया है, उनके परिवार की तरफ से भी इस बारे में अपनी राय रखी गई है और कांग्रेस ने भी इस बारे में विस्तार से बयान दिया है..

मीडिया की आलोचना

"बीजेपी जो कहती है उस पर मैं प्रतिक्रिया नहीं कर सकता हूं. मैं कोई राजनीतिक बयान नहीं दूंगा. लेकिन प्रधानमंत्री चार रैलियां कर चुके हैं. बाक़ी उनकी रैलियों का कार्यक्रम जारी है."

-पंकज पचौरी, प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार

दिल्ली के प्रेस क्लब में जब पत्रकारों ने बीजेपी के इस आरोप के बारे में पूछा कि प्रधानमंत्री एकदम से ग़ायब हो गए हैं तो पचौरी ने कहा, "बीजेपी जो कहती है उस पर मैं प्रतिक्रिया नहीं कर सकता हूं. मैं कोई राजनीतिक बयान नहीं दूंगा. लेकिन प्रधानमंत्री चार रैलियां कर चुके हैं. बाक़ी उनकी रैलियों का कार्यक्रम जारी है."

पीएम के मीडिया सलाहकार ने कहा कि सरकार की उपलब्धियों को मीडिया में सही जगह नहीं मिल पाती है क्योंकि उनकी प्राथमिकताएं कुछ और हैं.

उन्होंने दावा किया कि पिछले दस साल में यूपीए के शासन काल में 14 करोड़ लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला गया है.

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी लगातार कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान हुए कथित घोटालों को चुनाव प्रचार में उठा रही है और मनमोहन सिंह को लगातार एक कमज़ोर प्रधानमंत्री के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है.

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