भारतीय वायुसेना का कहना है कि मरने वालों में चालक दल के सभी सदस्य शामिल है. ये हेलिकॉप्टर मंगलवार को एक पर्वत से टकराकर नदी में जा गिरा था.

भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता जैरड गॉल्वे ने बीबीसी को बताया कि इस दुर्घटना मारे गए 12 लोगों के शव मिल चुके हैं.

इस सवाल पर कि क्या इस हेलीकॉप्टर में और लोग भी थे, प्रवक्ता का कहना था कि अभी इस बारे में पुष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन बाकी की तलाश की जा रही है.

उत्तराखंड में पिछले दिनों आई भयानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है, जिसमें सेना, अर्धसैनिक बल और अन्य एजेंसियां दुर्गम इलाकों में फंसे हजारों लोगों को निकालने में जुटी हैं.

दुर्घटनाग्रस्त होने वाला हेलिकॉप्टर उत्तराखंड में गौरीकुंड के पास बचाव अभियान के तहत अपनी उड़ान पर था.

इस दुर्घटना से इतने संकेत तो साफ़ हैं कि घटना अत्यंत दुर्गम पहाड़ी इलाके में हुई है.

राज्य में युद्ध स्तर पर जारी अभियान में अब तक 97 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. लेकिन अब भी पांच हजार लोग फंसे हुए हैं.

वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार को रूस निर्मित एमआई-17 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच की जा रही है.

ख़राब मौसम की मार

उत्तराखंड में चल रहे राहत और बचाव कार्य में 45 हेलिकॉप्टर इस्तेमाल किए जा रहे हैं.

इन हेलिकॉप्टरों के प्रमुख टास्क कमांडर राजेश इसर कहते हैं, "इन दिनों हमारे पायलट दोगुनी ड्यूटी कर रहे हैं. हमारा मुख्य मकसद है ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित पहाड़ों से निकाल कर लाना. ये कहना गलत नहीं होगा कि इस तरह के बचाव कार्यों में खराब मौसम बहुत खतरनाक होता है."

उत्तराखंड में बाढ़ से अब तक आठ सौ ज्यादा लोग मारे गए है. अधिकारियों के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि दूर दराज के इलाकों लोगों के शव बरामद हो रहे हैं.

बचाव अभियान में खराब मौसम से खासी बाधाएं आ रही हैं. पायलट प्रकाश गौतम का कहना है, "आजकल हम जिस तरह से काम कर रहे हैं वैसा हमने पहले कभी नहीं किया. हमारा काम ही यही है इसलिए हमें इसे करने में ख़ुशी होती. हालांकि खराब मौसम में बहुत कोफ़्त भी होती है."

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