- विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सीएम सिद्धारमैया को घेरा, परिवार से सामान्य शिष्टाचार न निभाने का आरोप

- स्थगन प्रस्ताव को नहीं मिली मंजूरी, वेल में जमकर नारेबाजी

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- विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सीएम सिद्धारमैया को घेरा, परिवार से सामान्य शिष्टाचार न निभाने का आरोप

- स्थगन प्रस्ताव को नहीं मिली मंजूरी, वेल में जमकर नारेबाजी

LUCKNOW

LUCKNOW:

आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सदन में विपक्षी बीजेपी के सदस्यों ने सीएम सिद्धारमैया पर तमाम सवाल खड़ा करते हुए चर्चा की मांग की। उनकी मांग को ठुकराए जाने के बाद गुरुवार को विपक्षी सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। सदस्यों का कहना था कि सीएम ने मृतक अधिकारी के परिजनों से मुलाकात न करके सामान्य शिष्टाचार तक नहीं निभाया।

स्पीकर ने नहीं दी इजाजत

गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टार ने आईएएस अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में हुई मौत को लेकर स्थगन प्रस्ताव देकर चर्चा की मांग की। लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष केबी कोलिवाड ने उनके स्थगन प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच के लिये अग्रसारित कर दिया गया है इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती है। इजाजत न मिलने पर भड़के बीजेपी के विधायक सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। जिस वजह से सदन की कार्यवाही बाधित हो गई।

मंत्री ने मुलाकात के लिये बुलाया

विधानसभा में हंगामे के बाद कर्नाटक के खाद्य एवं रसद मंत्री यूटी खादर ने मृतक आईएएस अनुराग तिवारी के परिजनों को मुलाकात के लिये बुलाया। अनुराग के बड़े भाई मयंक ने बताया कि मुलाकात के दौरान मंत्री खादर ने परिजनों की पूरी बात सुनी और उन्हें जल्द सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात कराने का वायदा किया। इसके अलावा उन्होंने परिजनों को सरकार की ओर से पूरी मदद का भरोसा भी दिया।

यह था मामला

कर्नाटक काडर में ख्007 बैच के आईएएस अधिकारी तिवारी खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में आयुक्त थे। लखनऊ के हजरतगंज इलाके में बीती क्7 मई को सड़क किनारे वह रहस्यमय परिस्थतियों में मृत पाए गए थे। तिवारी के परिवार द्वारा संदेह जताने के बाद ख्ख् मई को उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। परिवार ने कहा था कि तिवारी विभाग में बड़ा घोटाला उजागर करने वाले थे।

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आईएएस एसोसिएशन करेगा मदद

मयंक ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि कुमार से मुलाकात की है। उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि एसोसिएशन अनुराग के मामले की सीबीआई जांच जल्द शुरू कराने के लिये बात करेगी।

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घोटाले पर उठे सवाल

आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के बाद उनके परिजनों ने दावा किया कि अनुराग दो हजार करोड़ रुपये का कोई घोटाला खोलने वाले थे, जिसके चलते उनकी हत्या कर दी गई। पर, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बेंगलुरु में मौजूद सूत्रों के जरिए जो जानकारी जुटाई उसने घोटाले के दावे पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। सूत्रों ने बताया कि अनुराग तिवारी डेढ़ महीने पहले ही फूड एंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट में ट्रांसफर हुए थे। इस डिपार्टमेंट का कुल सालाना बजट ही क्,म्00 करोड़ रुपये का होता है। ऐसे में ख्,000 करोड़ रुपये का घोटाला कैसे संभव है। वहीं, वे किसी पिछले फाइनेंशियल ईयर की फाइल की जांच कर नहीं सकते थे, जब तक कि उस पर सीएजी या फिर कोर्ट ने सवाल न खड़े किये हों। ऐसे में इतने बड़े घोटाले की बात करना ही बेमानी है।