परिजनों व दोस्तों के लिये बयान

आईएएस अनुराग तिवारी की लाश बीती 17 मई, 2017 को हजरतगंज इलाके में स्थित वीवीआईपी स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर रोड पर संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ी मिली थी। मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। परिवारीजनों ने मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। जिसके बाद जांच सीबीआई को सौंपी गई। मामले की जांच कर रहे विवेचक पूरन ङ्क्षसह समेत तीन सदस्यीय सीबीआई टीम दोपहर एक बजे अनुराग के घर पहुंची। टीम के सदस्यों ने उनकी मां सुशीला तिवारी, पिता बीएन तिवारी, दोस्त विकास ङ्क्षसह, आशीष शर्मा व एनके शुक्ला से दो घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान किसी को भी अंदर नहीं आने दिया।

करोड़ों के बंदरबांट में गई जान

मृतक आईएएस अनुराग तिवारी के पिता बीएन तिवारी ने बताया कि बेटे की हत्या सुनियोजित तरीके से कराई गई है। करोड़ों-अरबों के खेल के बंदरबांट में बेटे ने शामिल होने से इंकार किया था। यही उसकी हत्या का कारण बना। उन्होंने कहा कि साजिश के तहत उसे यहां मारा गया था, जिससे कर्नाटक सरकार कठघरे में न खड़ा हो। मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अनुराग की मां फफक कर रो पड़ी और कहा कि आईएएस अनुराग को ईमानदारी की सजा मौत के रूप में दी गई। उन्होंने कहा कि बेटे की हत्या में शामिल लोगों को बचाने के लिए सीबीआई टीम परिवारीजन से बार-बार वही सवाल दोहराया करती है।

 

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